निर्भया कांड : मृत्युदंड का सामना कर रहे मुजरिम नहीं गए सुप्रीम कोर्ट, तिहाड़ जेल और दिल्ली सरकार को दिया जबाब

Nirbhaya scandal: Mujrim, facing death penalty, did not go to Supreme Court, Tihar Jail and Delhi government
निर्भया कांड : मृत्युदंड का सामना कर रहे मुजरिम नहीं गए सुप्रीम कोर्ट, तिहाड़ जेल और दिल्ली सरकार को दिया जबाब
निर्भया कांड : मृत्युदंड का सामना कर रहे मुजरिम नहीं गए सुप्रीम कोर्ट, तिहाड़ जेल और दिल्ली सरकार को दिया जबाब

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। देश-दुनिया को सन 2016 में हिला देने वाले निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के मुजरिमों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की दरवाजा नहीं खटखटाया। मौत की सजा में कमी या उससे माफी के लिए मुजरिम राष्ट्रपति की देहरी पर जाने की बात से पहले ही इंकार कर चुके हैं। दूसरी ओर पहले से तय और आगे की सोची-समझी विशेष रणनीति के तहत जेल में बंद चार में से तीन मुजरिमों ने सोमवार को दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को उनके नोटिस का जबाब जरूर दाखिल कर दिया। दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन से आरोपियों को मिली जबाब दाखिल करने की प्राप्ति रसीद आईएएनएस के पास उपलब्ध है।

अब से थोड़ी देर पहले ही इस बात की पुष्टि आईएएनएस से तिहाड़ जेल में बंद दो मुजरिमों (विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार सिंह) व दिल्ली की मंडोली जेल में बंद पवन कुमार गुप्ता के वकील डॉ. अजय प्रकाश सिंह ने की। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अजय प्रकाश सिंह ने फांसी की सजा का सामना कर रहे जेल में कैद तीनों मुजरिमों द्वारा जेल और दिल्ली सरकार को दिए गए जबाब की प्राप्ति रसीद भी आईएएनएस को मुहैया कराई है, जिनपर तिहाड़ और मंडोली के संबंधित जेल अधीक्षक कार्यालयों की मुहर है।

आईएएनएस के पास तीनों मुजरिमों को 29 अक्टूबर को दिए गए उन नोटिसों की प्रतिलिपि भी मौजूद है, जिनके जरिए जेल प्रशासन ने मुजरिमों को आगाह किया था कि उनके पास सजा माफी के वास्ते दया याचिका के लिए मात्र सात दिन बाकी बचे हैं। वे चाहें तो इन सात दिनों के अंदर सजा माफी के लिए उनके पास बचे इकलौते कानूनी हक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दाखिल करके।

इस नोटिस के मिलने के बाद ही तिहाड़ जेल नंबर 2 में बंद निर्भया के हत्यारे विनय कुमार शर्मा और जेल नंबर 4 में बंद अक्षय कुमार सिंह और मंडोली की 14 नंबर जेल में बंद पवन कुमार गुप्ता की नींद उड़ गई थी। शुक्रवार दोपहर बाद तीनों मुजरिमों के वकीलों ने अपने-अपने मुवक्किलों से जेलों में जाकर कई घंटे गहन और गुप्त मंत्रणा भी की।

उस विशेष बैठक के बाद ही तय हुआ था कि चार में से तीन (चौथे आरोपी मुकेश की रणनीति का अभी खुलासा नहीं हुआ है) मुजरिम जेल से मिले नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे, न कि राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दाखिल करेंगे। इन तीनों (विनय शर्मा, अक्षय, पवन) में से अक्षय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल किए जाने की उम्मीद थी। जबकि बाकी दोनों मुजरिमों यानी विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता की तरफ से क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में डाले जाने की बातें निकल कर सामने आ रही थीं।

लेकिन तीनों सजायाफ्ता मुजरिमों के वकील सोमवार को अचानक तिहाड़ जेल और मंडोली जेल जा पहुंचे। वकीलों ने संबंधित तीनों जेलों के अधीक्षक कार्यालय में उनके यहां से जारी नोटिस का जबाब दाखिल किए जाने की पुष्टि सोमवार को आईएएनएस से की है।

मुजरिम अक्षय कुमार सिंह और विनय कुमार शर्मा के वकील डॉ. अजय प्रकाश सिंह ने आईएएनएस से कहा, कानून सबके लिए समान है। हमारे मुवक्किलों के लिए जब कई दिनों की एक साथ छुट्टियां पड़नी तय थीं, तभी 29 अक्टूबर को जेल प्रशासन और दिल्ली सरकार ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका भेजने के लिए सात दिन का नोटिस दे दिया, जोकि सरासर कानून का मजाक था।

उन्होंने आगे कहा, मेरे मुवक्किल पवन कुमार गुप्ता की उम्र को लेकर केस हाईकोर्ट में लंबित है। जबकि विनय और अक्षय को लेकर भी याचिकाएं डालने का हमारा हक बाकी है। ऐसे में सीधे-सीधे मुजरिमों को नोटिस वह भी इतने कम समय में जारी करने का कौन-सा कानून है?

उल्लेखनीय है कि इस मामले में तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने नोटिस जारी होने के बाद आईएएनएस से कहा था, नोटिस कानूनन ही दिए गए हैं। जेल की जिम्मेदारी होती है कि वह समय-समय पर कैदियों-मुजरिमों को उनके हक से वाकिफ कराता रहे। कानून के हिसाब से जेल प्रशासन को लगा कि इन चारों मुजरिमों को राष्ट्रपति के यहां दया याचिका के लिए तुरंत पहुंचना चाहिए, तभी हमने नोटिस दिए। अगर नोटिस का जबाब नहीं मिलता है तो जेल पूरे मामले से ट्रायल कोर्ट (जहां मामला चला था और जिस अदालत ने फांसी की सजा मुकर्रर की थी) को अवगत कराएगी। ताकि मुजरिमों को फांसी पर लटकाए जाने संबंधी डेथ-वारंट की प्रक्रिया कोर्ट द्वारा अमल में लाई जा सके।

Created On :   4 Nov 2019 10:30 AM GMT

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