राफेल पर निर्मला की सफाई, बोलीं- अखबार ने छापा आधा सच
- राफेल पर अंग्रेजी अखबार द्वारा निकाले गए सनसनीखेज रिपोर्ट पर सियासी घामासान मच गया है।
- वहीं केंद्र सरकार इस रिपोर्ट को आधा-अधूरा बताते हुए कह रही है कि इसमें पूरी सच्चाई नहीं रखी गई है।
- विपक्ष इस रिपोर्ट का हवाला देकर केंद्र सरकार को घेरने में लगे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल पर एक अंग्रेजी अखबार की सनसनीखेज रिपोर्ट ने सियासी घामासान मचा दिया है। एक तरफ जहां विपक्ष इस रिपोर्ट का हवाला देकर केंद्र सरकार को घेरने में लगा है। वहीं केंद्र सरकार इस रिपोर्ट को आधा-अधूरा बताते हुए कह रही है कि इसमें पूरी सच्चाई नहीं रखी गई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने इस मामले पर कहा कि यह रिपोर्ट लोगों के दिमाग में संदेह पैदा करने के इरादे से छापी गई है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सोनिया गांधी नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (NAC) के माध्यम से रिमोट कंट्रोल सरकार चला रही थीं।
निर्मला सीतारमन ने कहा मुझे संदेह है कि ऐसी रिपोर्ट अखबार खुद की प्रसिद्धी के लिए छाप रही है या किसी कॉर्पोरेट वॉरफेयर के तहत छापी गई है। क्या एक पत्रकार की जिम्मेदारी नहीं है कि वह रिपोर्ट पब्लिश करने से पहले आगे की खोज करें या कम से कम मंत्रालय से जवाब पाने की कोशिश करें? उन्होंने केवल आधा सच प्रकाशित किया है। अखबार को इस मामले पर और खोज करने की जरूरत थी। उन्होंने पूरा काम नहीं किया।
#DMtoANI on MoD"s dissent note on Rafale negotiations: They"ve published half-truth; my suspicion is, they wanted to create doubts in reader"s mind...To me, it looks an attempt by ppl whether doing it for themselves or in response to some corporate warfare going on in this matter pic.twitter.com/8Dci9lpZoz
— ANI (@ANI) February 8, 2019
रक्षा मंत्री ने कहा, यदि प्रधानमंत्री कार्यालय किसी मामले के बारे में जानकारी लेता है तो क्या यह हस्तक्षेप करना है? पीएमओ अगर पूछता है कि यह डील कहां हो रही है या इस बारे में कुछ भी तो क्या आप इसे हस्तक्षेप मान लेंगे। यह हस्तक्षेप नहीं माना जा सकता है। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहती हूं कि NAC क्या था? नेशनल एडवाइजरी काउंसिल सोनिया गांधी के अधीन थी। यह कोई संवैधानिक संस्था नहीं थी। यह पीएमओ को नियंत्रित करने वाला रिमोट कंट्रोल था। क्या यह हस्तक्षेप था?
#WATCH Defence Minister Nirmala Sitharaman: I want to ask the Congress party, what was the NAC? National Advisory Council under Shrimati Sonia Gandhi. It was not a Constitutional body. It was remote controlling the PMO. Was that interference? #RafaleDeal #DMtoANI pic.twitter.com/19OsNNquR4
— ANI (@ANI) February 8, 2019
रक्षा मंत्री ने कहा, मैं राफेल या हमारे द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय को लेकर चिंतित नहीं हूं। हमने जो भी निर्णय लिया है, योग्यता के आधार पर लिया है। मुझे चिंता है कि कुछ मुद्दों को जानबूझकर चयन किया गया और उस बारे में या तो गलत जानकारी लीक की गई या दी गई है। यह गलत है और लोगों के मन में गलत तरीके का नजरिया बनाता है। निर्मला सीतारमन ने इससे पहले शुक्रवार को संसद में भी इस मुद्दे को उठाया था। सीतारमन ने कहा था कि इस गलत रिपोर्ट से कांग्रेस देश को नुकसान पहुंचा रही है। कांग्रेस इंडियन एयरफोर्स को मजबूत नहीं होने देना चाहती है।
बता दें कि एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत-फ्रांस राफेल डील के दौरान रक्षा मंत्रालय के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) भी बातचीत कर रहा था। इस मामले पर डिफेंस सेक्रेटरी ने तत्कालीन डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की थी। इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रखी थी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था। इसके बाद तत्कालीन डिफेंस सेक्रेटरी जी मोहन कुमार को भी सफाई पेश करनी पड़ी और उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में जो दावे किए गए हैं, उसका राफेल की कीमतों से कोई लेना देना नहीं है और आरोप बेबुनियाद हैं। वहीं केंद्र सरकार ने कहा कि आधी रिपोर्ट पेश की गई है। अखबार ने तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के जवाब को नहीं छापा है।
Created On :   8 Feb 2019 9:39 PM IST