नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने देश के विकास के लिए दिया 7 सूत्री मॉडल

NITI Aayog Deputy Chairman Rajiv Kumar gave 7-point model for the development of the country
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने देश के विकास के लिए दिया 7 सूत्री मॉडल
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने देश के विकास के लिए दिया 7 सूत्री मॉडल

नई दिल्ली, 24 मई(आईएएनएस)। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने भारत के विकास के लिए सात सूत्री मॉडल पेश किया है। आरएसएस से जुड़े संगठन भारतीय शिक्षण मंडल की ओर से रविवार को आयोजित फेसबुक लाइव संवाद के दौरान उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन की तर्ज पर विकास को सार्वजनिक आंदोलन बनाने की जरूरत पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने अंग्रेजी की जगह स्वदेशी भाषा को संपर्क भाषा बनाने पर जोर दिया।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, आज ज्यादातर लोग विकास करने की जिम्मेदारी सरकारी एजेंसियों पर ही डालते हैं, यह दृष्टिकोण गलत है। हम सभी को स्वार्थ से परे जाकर राष्ट्र के लिए कुछ करना चाहिए। हर नागरिक को देश के विकास के लिए अपनी उचित भूमिका निभाने की जरूरत है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने भारत के भावी विकास के लिए सात सूत्री विकास मॉडल को प्रस्तुत किया। जिसमें अंग्रेजी के स्थान पर स्वदेशी भाषा को संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करना, जवाबदेही और पारदर्शिता के साथ शासन, विकास दृष्टिकोण, निजी क्षेत्र को महत्व देना, रोजगार परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करना, खेती को लाभदायक बनाना और किसानों पर बोझ कम करना, शहरीकरण से ग्राम विकास को जोड़ना और प्रकृति पर विजय के स्थान पर प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करना शामिल है।

राजीव कुमार ने कहा, हमें विकास संबंधी असमानता को दूर करना होगा। हम ऑनलाइन शिक्षा के बारे में बात करते हैं लेकिन तथ्य यह है कि भारत में केवल 35 प्रतिशत स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन है और केवल 65 प्रतिशत स्कूलों में बिजली है।

राजीव कुमार ने कहा कि बदलते दौर में हमें महात्मा गांधी के ग्राम विकास मॉडल में संशोधन करने कीआवश्यकता है। उन्होंने कहा, दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। प्रौद्योगिकी और उपभोक्ता की आवश्यकताएं भी बदल रहीं हैं। इसलिए, किसी भी गांव या किसी देश के लिए अपनी सभी जरूरतें पूरी कर पाना संभव नहीं है। बदलते परिदृश्य में एक गांव या देश को उपभोग के लिए अपनी खरीद या आयात से अधिक उत्पादन और निर्यात करने की आवश्यकता है। अत: सेल्फ रिलायंस होना ही भारत के ग्रामीण विकास का मॉडल होना चाहिए।

शहरीकरण के बदलते परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि अब हमें विचारों और नवाचारों के आदान-प्रदान के लिए एक स्थान पर रहने की आवश्यकता नहीं है। हम एक आभासी बादल (इंटरनेट) में मिल सकते हैं। इसलिए, अब आधुनिक काल के बड़े शहरों की आवश्यकता नहीं है।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कई सवालों के जवाब दिए। रिसर्च फॉर रेसरजेन्स फाउंडेशन के संयोजक डॉ राजेश बिनीवाल ने इस संवाद का संचालन किया। भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार से कहा, आपने बहुत ही सरल तरीके से एक बहुत ही जटिल मुद्दे को रखा, जो भारतीय शिक्षण मंडल कार्यकर्ताओं और विविध पृष्ठभूमि के दर्शकों के लिए समझ में आसानी से आया। विकास के स्वप्न को पूरा करने के लिए हम आपके साथ हैं।

Created On :   24 May 2020 11:30 PM IST

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