नीतीश ने गृहमंत्री के सामने उठाई बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

Nitish raised the demand of special state status to Bihar in front of the Home Minister
नीतीश ने गृहमंत्री के सामने उठाई बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
नीतीश ने गृहमंत्री के सामने उठाई बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
हाईलाइट
  • नीतीश ने गृहमंत्री के सामने उठाई बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

पटना, 28 फरवरी (आईएएनएस)। चुनावी साल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित पूर्वी क्षेत्र परिषद की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग एक बार फिर उठाई।

उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षो में विकास दर दोहरे अंक में हासिल करने के बावजूद विकास के प्रमुख मापदंडों में हम राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, कई अन्य राज्य भी बिहार की तरह गरीबी रेखा, प्रति व्यक्ति आय, औद्योगिकीकरण और सामाजिक व भौतिक आधारभूत संरचना में पिछड़े हैं।

उन्होंने कहा, ऐसे पिछड़े राज्यों को एक समय सीमा में पिछड़ेपन से उबारने और राष्ट्रीय औसत के समकक्ष लाने के लिए सकारात्मक नीतिगत पहल की जरूरत है। उन्होंने पिछड़े राज्यों को मुख्यधारा में लाने के लिए जरूरी नीतिगत ढांचा तैयार करने की जरूरत बताई।

मुख्यमंत्री ने कहा, पिछड़ेपन से निकल कर विकास के राष्ट्रीय औसत स्तर को प्राप्त करने के लिए बिहार जैसे अन्य पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने शाह के सामने मांग दोहराते हुए कहा, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, जिससे हमें हमारा वाजिब हक मिल सके और देश की प्रगति में बिहार योगदान दे सके।

बिहार समेत अन्य पिछड़े राज्यों को एक समय सीमा में पिछड़ेपन से उबारने और राष्ट्रीय औसत के करीब लाने के लिए केंद्र से सकारात्मक पहल की जरूरत है।

शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में नीतीश ने कहा, पिछले कुछ वर्षो में दोहरे अंक का विकास दर हासिल करने के बावजूद भी बिहार विकास के प्रमुख मापदंडों मसलन गरीबी रेखा, प्रति व्यक्ति आय, औद्योगीकरण और समाजिक एवं भौतिक आधारभूत संरचना में राष्ट्रीय औसत से नीचे है।

उन्होंने कहा, पिछड़े राज्यों को मुख्यधारा में लाने के लिए नई सोच के तहत आवश्यक नीतिगत ढांचा तैयार करने की तत्काल जरूरत है।

नीतीश ने यह भी कहा, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक लगभग डेढ़ वर्ष के अंतराल पर आयोजित हो रही है और पिछली बैठक में उठाये गये कई मुद्दों पर अभी भी कार्रवाई लंबित है।

उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस परिषद में अंतर्राज्यीय मुद्दों के समाधान के लिए एक प्रणाली विकसित होनी चाहिए, जिससे उच्चतम स्तर पर द्विपक्षीय मुद्दों का हल निकाला जा सके और इसका अनुश्रवण नियमित रूप से हो सके।

Created On :   28 Feb 2020 5:01 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story