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- Omicron infection will reduce the lethality of corona in the future, will give protection from delta
शोध में किया गया दावा : ओमिक्रोन संक्रमण भविष्य में कोरोना की घातकता में कमी करेगा, डेल्टा से सुरक्षा देगा

हाईलाइट
- ओमिक्रोन पीड़ित मरीजों को बाद में डेल्टा संक्रमण नहीं हो सकता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।दक्षिण अफ्रीकी शोधकर्ताओं ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से पीड़ित मरीजों पर अध्ययन कर कहा है कि इससे भविष्य में इस रोग की घातकता में कमी आएगी और लोगों को जानलेवा डेल्टा विषाणु के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेगा।शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि जिन्हें पहले डेल्टा विषाणु का संक्रमण हुआ था, वे ओमिक्रोन संक्रमण से ग्रस्त हो सकते हैं लेकिन वैक्सीन लगवा चुके ओमिक्रोन पीड़ित मरीजों को बाद में डेल्टा संक्रमण नहीं हो सकता है।
अफ्रीका स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक एलेक्स सिगल ने इन नतीजों पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा इसका मतलब यह है कि डेल्टा समाप्ति की राह पर है क्योंकि अगर लोग वैक्सीन लगवाते हैं और ओमिक्रोन संक्रमण के बाद उनमें डेल्टा संक्रमण नहीं देखा गया है। लेकिनजिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है और उनमें ओमिक्रोन संक्रमण हुआ है तो उनमें डेल्टा के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित नहीं देखी गई है।उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हमारे शोध में इस बात की जानकारी मिली है कि ओमिक्रोन संक्रमण से ग्रस्त मरीजों को डेल्टा संक्रमण से इम्युनिटी हासिल हो जाती है।
इस अध्ययन में दक्षिण अफ्रीका में 23 लोगों के नमूनों का इस्तेमाल किया गया जो नवंबर और दिसंबर में ओमिक्रॉन से संक्रमित थे।इस शोध में कुछ प्रतिभागियों का टीकाकरण नहीं हुआ था, जबकि अन्य को फाइजर या जॉनसन एंड जॉनसन के टीके लगे हुए थे।जिन लोगों को पहले कोरोना वैक्सीन लगी हुई थी उनमें ओमिक्रोन से लड़ने वाले एंटीबाडीज की संख्या 13.7गुना ज्यादा थी लेकिन बिना टीका लगे लोगों में यह मात्र 4.4 गुना ही पाई गई थी।
वैक्सीन लगे लोगों में डेल्टा वायरस को निष्प्रभावी करने की क्षमता में 6.6 गुना बढी पाई गई थी लेकिन बिना वैक्सीन वाले प्रतिभागियों में केवल 2.5 गुना ही पाई गई है।शोधकर्तार्ओं ने कहा कि टीका लगवा चुके प्रतिभागियों में ओमिक्रोन वायरस के की तुलना में डेल्टा के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली देखी गई थी लेकिन बिना टीका लगे लोगों में ऐसा नहीं था।शोधकर्तार्ओं ने कहा, यह दर्शाता है कि ओमिक्रोन डेल्टा की तुलना में कम घातक है और यही संकेत मिलता है कि इससे कोविड के मामलों में कमी हो सकती है।
इस अध्ययन का हवाला देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि ओमिक्रोन ने उन लोगों में डेल्टा के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की जिन्हें टीका लगाया गया था।उन्होंने ट्वीट किया, टीकाकरण के बाद ओमिक्रोन संक्रमण डेल्टा के खिलाफ भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। लेकिन बिना टीकाकरण वाले लोगों में यह प्रतिरक्षा उत्पन्न नहीं करता है। इसलिए, संक्रमण टीकाकरण का विकल्प नहीं है और लोगों को कोरोना से बचने के लिए टीकारकण बहुत जरूरी है।
शोधकर्ताओं ने कहा है किए ये नतीजे बताते हैं जिन लोगों को पहले डेल्टा संक्रमण हो चुका है उनमें ओमिक्रोन संक्रमण हो सकता है यानि इस बात की पुष्टि होती है कि यह शरीर में डेल्टा के खिलाफ हासिल की गई प्रतिरक्षा को भेदने में सक्षम है। जिस तरह से विश्व के देशों में ओमिक्रोन के मामले डेल्टा की तुलना में अधिक आ रहे हैं और इसकी घातकता भी कम है,उसे देखकर लगता है कि कोविड की गंभीरता कम हो जाएगी और संक्रमण व्यक्तियों और समाज के लिए कम घातक हो सकता है।
(आईएएनएस)
भोपाल: आईसेक्ट द्वारा डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट द्वारा लर्निंग एंड डेवलपमेंट की पहल के तहत बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में "टीम बिल्डिंग, टाइम मैनेजमेंट और सॉफ्ट स्किल्स" विषय एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। आईसेक्ट भोपाल की कॉर्पोरेट एचआर टीम इस अवसर पर बिलासपुर में उपस्थित रही और श्रीमती पुष्पा कश्यप की अध्यक्षता में टीम एचआर, बिलासपुर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में 80 से अधिक फैकल्टी सदस्यों ने अपनी पूरी भागीदारी के साथ भाग लिया। विशेषज्ञ प्रख्यात वक्ता श्रीमती गीतिका जोशी जो प्रबंधन और सॉफ्ट स्किल्स में एक कॉर्पोरेट ट्रेनर हैं, ने बात करते हुए टाइम मैनेजमेंट के कई टिप्स दिए और कार्यस्थल पर प्रोडक्टिव होने के तरीके बताए। श्री गौरव शुक्ला, डॉ. सीवीआरयू के रजिस्ट्रार और प्रो-वाइस चांसलर श्रीमती जयती मित्रा ने इस तरह के प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मचारियों को अपस्किल करने में एलएंडडी/कॉर्पोरेट एचआर टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कुछ अंतराल पर अपने तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मचारियों के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा। सीवीआरयू बिलासपुर के चांसलर श्री संतोष चौबे, आईसेक्ट के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और आईसेक्ट विश्वविद्यालय समूह की निदेशक श्रीमती अदिति चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की सफलता पर टीम सीवीआरयू और कॉर्पोरेट एचआर/एल एंड डी को बधाई दी।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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