डूबे कर्ज पर दंगल: चिदंबरम बोले- UPA सरकार में दिए कर्ज को NDA ने वापस क्यों नहीं लिया?
- 'मई 2014 के बाद मोदी सरकार ने कितने लोन बांटे गए और उनमें से कितने NPA में तब्दील हुए?'
- 'मोदी सरकार ने अपने शासनकाल में UPA द्वारा बांटे गए लोन को वापस क्यों नहीं लिया?'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम मोदी द्वारा देश में बढ़ते NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स या डूबा कर्ज) के पीछे यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराने पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पलटवार किया है। चिदंबरम ने पूछा है कि यूपीए सरकार के समय दिया गया लोन अब जाकर अगर NPA में बदला है, तो 2014 से 2018 के बीच में मोदी सरकार ने अपने शासनकाल में इन लोन्स को वापस क्यों नहीं लिया? पी. चिदंबरम ने एक के बाद एक ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा, "मान लीजिए कि पीएम सही कह रहे हैं कि यूपीए के समय दिया गया कर्ज NPA में तब्दील हुआ। लेकिन मैं पूछना चाहूंगा कि वे लोन इस सरकार ने अब तक वापस क्यों नहीं लिए, इन्हें क्यों रिन्यू किया गया, क्यों यह लोन एवरग्रीन बने रहे?"
Let"s assume that PM is right when he says that loans given under UPA have turned bad. How many of those loans were renewed or rolled over (that is "evergreened") under NDA?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 2, 2018
Why were those loans not recalled? Why were those loans evergreened?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 2, 2018
चिदंबरम ने कहा, "केन्द्र सरकार को यह बताना चाहिए कि मई 2014 के बाद कितने लोन बांटे गए और उनमें से कितने NPA में तब्दील हुए?" उन्होंने कहा, "यह सवाल संसद में भी पूछा गया लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।"
How many loans and how much that were given after May 2014 have become non-performing assets?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 2, 2018
This question was asked in Parliament but there is no answer so far.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 2, 2018
बता दें कि शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक स्कीम की शुरुआत करते हुए बढ़ते NPA का पूरा ठिकरा अपनी पूर्ववर्ती सरकार पर फोड़ा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार ने पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था लैंडमाइन पर बैठा दी थी। उन्होंने कहा था, "आजादी के बाद से लेकर साल 2008 तक, देश के बैंकों ने 18 लाख करोड़ रुपए की राशि ही लोन के तौर पर दी थी। लेकिन 2008 के बाद के 6 वर्षों में ये राशि बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपए हो गई। यानि जितना लोन बैंकों ने आजादी के बाद दिया था, उसका दोगुना लोन पिछली सरकार के 6 साल में बांट दिया। इनमें से अधिकांश हिस्सा बेड लोन में तब्दील हो गया।"
Created On :   2 Sept 2018 6:14 PM IST