- एंटीलिया केस: कार मालिक मनसुख हिरेन के मुंह में ठुंसे थे 5 रुमाल, गहराया हत्या का शक
- टीएमसी ने जारी की 291 उम्मीदवारों की लिस्ट, ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ेगी
- असम: BJP ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट, माजुली से लड़ेंगे CM सर्बानंद
- PM मोदी ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप अवॉर्ड से सम्मानित
- ऋषभ पंत भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शतक जमाने वाले दुनिया के सिर्फ दूसरे विकेटकीपर बने
ना‘पाक’ हरकत: जम्मू-कश्मीर की कृष्णा घाटी में पाकिस्तानी सेना ने किया सीजफायर का उल्लंघन, सेना का एक जवान शहीद
हाईलाइट
- पाक सेना ने कृष्णाघाटी सेक्टर में LOC पर संघर्षविराम का उल्लंघन किया
- भारतीय सेना ने भी पाक की ओर से की जा रही गोलीबारी का जवाब दिया
- बुधवार को भी पाक सैनिकों ने अखनूर सेक्टर में LOC पर गोलीबारी की थी
डिजिटल डेस्क, जम्मू। पाकिस्तान अपनी ना‘पाक’ हरकत से बाज नहीं आ रहा है। आए दिन वह नियंत्रण रेखा (LOC) पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। गुरुवार को भी एक बार फिर पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले में कृष्णाघाटी सेक्टर में LOC पर संघर्षविराम का उल्लंघन किया। इस दौरान सीमा पार से भारी गोलाबारी की गई। इससे एक भारतीय जवान की मौत हो गई। वहीं भारतीय सेना ने भी पाक की ओर से की जा रही गोलीबारी का जवाब दिया।
जानकारी के अनुसार पाक सेना की ओर से की गई गोलीबारी के दौरान भारतीय सेना के हवलदार निर्मल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार के दौरान सैनिक की मौत हो गई। सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि सिंह एक बहादुर और ईमानदार सैनिक थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हमेशा उनके सर्वोच्च बलिदान और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए उनका ऋणी रहेगा।
पुंछ में कई सेक्टरों में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन में तेजी आई है और पाकिस्तान ने लंबी दूरी के मोर्टार और छोटे हथियारों के साथ रिहायशी इलाकों और रक्षा ठिकानों को निशाना बनाया है। सेना का कहना है कि वह नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा आक्रामकता के सभी कृत्यों का लाभ दे रही है। बता दें कि बुधवार को भी पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में LOC पर गोलीबारी की थी। इस गोलीबारी में चार जवान घायल हो गए थे।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सैनिक की मौत पर दुख जताया है। शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि हम देश की अखंडता और संप्रभुता सुनिश्चित करने की दिशा में उनके सर्वोच्च बलिदानों के लिए वर्दी में अपने आदमियों के सदा ऋणी हैं। उन्होंने शोक संतप्त परिवार को दुख की घड़ी में दिवंगत आत्मा और शक्ति की शांति के लिए प्रार्थना की।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।