सवर्ण आरक्षण : ऐसा है संसद में पेश संविधान संशोधन बिल का ड्राफ्ट
- 10 प्रतिशत बढ़ने के बाद 59 प्रतिशत हो जाएगा दायरा
- आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को मिलेगा आरक्षण
- मोदी सरकार का बड़ा चुनावी दांव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों से पहले सवर्ण वर्ग को आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को बड़ा चुनावी दांव माना जा रहा है, हालांकि, इस विधेयक को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा। आइए जानते हैं कि संविधान संशोधन वाले इस बिल के मसौदे में आखिर है क्या ?
इस बिल के मसौदे में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देने की बात कही गई है। इस आरक्षण का फायदा वही लोग उठा पाएंगे, जिनकी आय सालाना 8 लाख रुपए से कम है। बिल के मुताबिक आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों के साथ ही रोजगार और शिक्षा क्षेत्र में भी लाभ मिलेगा।
वर्तमान समय में सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 7.5 प्रतिशत और अनुसूचित जाति(एससी) को 15 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। इस तरह 49.5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान संविधान में है। सवर्णों के लिए आरक्षण लागू होने पर ये आंकड़ा 59 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।
Created On :   8 Jan 2019 4:34 PM IST