किसान आंदोलन: दिल्ली की सीमा पर दो और बुजुर्ग किसानों की मौत, आंदोलन के दौरान अब तक 70 किसानों की जान गई, देशभर में करेंगे महापंचायतें किसान

Peasant Movement: Two more elderly farmers died on the border of Delhi
किसान आंदोलन: दिल्ली की सीमा पर दो और बुजुर्ग किसानों की मौत, आंदोलन के दौरान अब तक 70 किसानों की जान गई, देशभर में करेंगे महापंचायतें किसान
किसान आंदोलन: दिल्ली की सीमा पर दो और बुजुर्ग किसानों की मौत, आंदोलन के दौरान अब तक 70 किसानों की जान गई, देशभर में करेंगे महापंचायतें किसान
हाईलाइट
  • किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर 78 दिन से जारी है
  • पंजाब के किसान का शव पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल में रखवाया गया
  • सिसाना के किसान का शव परिजनों को बिना पोस्टमार्टम कराए सौंपा गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर 78 दिन से जारी है। इस बीच गुरुवार शाम को खबर आई कि कुंडली धरना स्थल पर दो किसानों की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। पंजाब के किसान का शव पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल में रखवाया गया है। वहीं सिसाना के किसान के शव का परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार कर दिया। बता दें कि आंदोलन के दौरान अब तक 70 किसानों की मौत हो चुकी है। कुछ ने खुदकुशी की, तो कुछ की जान बीमारी या ठंड से गई।

किसान हंसा और राजबीर की फाइल फोटो।

जानकारी के अनुसार, पंजाब के जिला मोगा के गांव सैद मोहम्मद के बुजुर्ग किसान हंसा सिंह (73) की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। वे दो माह से कुंडली धरना स्थल पर डटे थे। हंसा सिंह के परिजनों को मामले से अवगत करा दिया गया है। वह लघुशंका के लिए गए थे। इसी दौरान बेसुध होकर गिर गए और उन्हें चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल में रखवा दिया है। 

वहीं सोनीपत में रह रहे राजबीर उर्फ बीरे (60) की बुधवार रात को तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। राजबीर के बेटे नीटू का कहना है कि दो माह से लगातार उसके पिता कुंडली बॉर्डर पर चल रहे धरने पर किसानों के साथ बैठे हुए थे। बुधवार को उनके साथी किसानों ने उन्हें फोन कर उसके पिता की तबीयत खराब होने की जानकारी दी थी। वह मौके पर पहुंचा तो उनकी मौत हो चुकी थी। नीटू का कहना उन्होंने अपने पिता का पोस्टमार्टम नहीं करवाया। गुरुवार को शव का अंतिम संस्कार किया गया।

देशभर में करेंगे महापंचायतें किसान
बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा के किसान सिंघु बॉर्डर पर पिछले 78 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। अब किसानों ने यहां लंबे समय तक रुकने के लिए जरूरी सुविधाएं जुटाना शुरू कर दिया है। साथ ही किसानों ने ऐलान किया है कि आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों को भी आंदोलन से जोड़ने के लिए देशभर में महापंचायतें की जाएंगी।

किसानों ने आंदोलन की जगह पर CCTV लगाए
26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद किसान सतर्क हैं। आंदोलन में शामिल दीप खत्री कहते हैं, "हम कम्युनिकेशन की सुविधा बढ़ा रहे हैं और रहने का इंतजाम कर रहे हैं। सुरक्षा और बाहरी लोगों को अलग रखने के लिए 100 CCTV लगाए जा रहे हैं। हमारे 600 वॉलंटियर्स पैट्रोलिंग में लगे है। इन्हें ट्रैफिक संभालने और रात में निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। सभी को पहचान के लिए हरे रंग की जैकेट और ID कार्ड भी दिया गया है।"

18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन करेंगे किसान
किसान नेताओं ने 18 फरवरी को देशभर में रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है। राजस्थान में 12 फरवरी से टोल फ्री करने का ऐलान भी किया गया है। किसान नेताओं और सरकार के बीच अब तक 11 बार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन मुख्य मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई। संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार कानून नहीं वापस ले लेती और MSP की गारंटी नहीं दे देती, तब तक वे लौटने वाले नहीं हैं।

Created On :   11 Feb 2021 6:09 PM GMT

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