#GST पर 4 साल पहले हो गई थी नेहा की PHD

सौरभ सोनी, भोपाल। शाहपुर के पुलिस विभाग के एसडीओपी निहित उपाध्याय की बड़ी बहन ने चार बरस पहले ही वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) में पीएचडी की थी। हरदा जिले की नेहा व्यास उपाध्याय इस पेचीदा विषय पर चार साल पहले ही मध्यप्रदेश में पहली पी एच डी करने का गौरव हासिल कर ख्याति प्राप्त कर चुकी हैं। नेहा के छोटे भाई नमन उपाध्याय भी हाल ही मे UPSC 2016 की मेरिट लिस्ट से सलेक्ट होकर भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी बने हैं।
शासन ने भी बनाई एक कमेटी
मंगलवार को नेहा ने बताया कि उनके पापा नर्मदा प्रसाद उपाध्याय और चाचा निर्मल उपाध्याय मध्यप्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रहें हैं, वे अक्सर प्रशासनिक व्यवस्था और इसके सिस्टम पर अपने पापा और चाचा से संवाद करतीं रहतीं थी। 6 जुलाई 2009 में यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी को लेकर समिति बनाई थी। इसी दौरान मध्यप्रदेश शासन ने भी एक कमेटी बनाई थी इसमें मध्य प्रदेश में वाणिज्य कर ट्रिब्यूनल में सदस्य के रूप में नेहा के पापा नर्मदा प्रसाद उपाध्याय भी शामिल थे।
344 पेजों की थीसिस पूरी
नेहा ने डीएवीवी से जीएसटी विषय पर ही वर्ष 2013 में पीएचडी करने का फैसला लिया, तथा सेन्टर चुना आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज इंदौर, जबकि मध्यप्रदेश के ही खंडवा के जीडीसी के प्रोफेसर डाँ प्रताप राव कदम के गाईडेन्स में ये शोध कार्य पूर्ण किया। करीब 2 साल में 344 पेजों की ये थीसिस पूरी हुई । जीएसटी पर हुए शोध में नेहा ने 4 साल पहले ही बता दिया था कि यदि जीएसटी लागू होता है तो कंपनी को क्या नफा नुकसान होगा, रोजगार कितने बढ़ेंगे, और विदेशी इन्वेस्टमेंट कितना बढ़ेगा।
1954 में सबसे पहले फ्रांस में जीएसटी आया
शोध के मुताबिक 1954 में सबसे पहले फ्रांस में जीएसटी लागू हुई इसके बाद ताइवान, डेनमार्क ,कनाडा सहित विश्व के 160 से ज्यादा देशों में यह लागू हो चुका है। नेहा अपनी इस उपलब्धि का श्रेय मध्य प्रदेश में वाणिज्य कर विभाग के डायरेक्टर रहे अपने पापा नर्मदा प्रसाद उपाध्याय को देती हैं। उन्होंने बताया कि पापा से टैक्सेशन के विषयों पर वह हमेशा सवाल जवाब करती थी, तभी उनके दिमाग में आया कि इस विषय पर शोध करना चाहिए। नेहा बताती हैं कि खंडवा के प्रोफेसर डॉ प्रताप राव कदम सर के कुशल मार्गदर्शन एवं मेहनत से उनका यह शोध कार्य पूर्ण हो पाया है। अपने इस महत्वपूर्ण शोध कार्य में अपने छोटे भाई नमन उपाध्याय और निहित उपाध्याय ने भी उन्हें तथ्य जुटाने में और उपयोगी मार्गदर्शन देकर उनके इस मिशन में उन्होंने सहयोग किया।
Created On :   4 July 2017 8:59 PM IST