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- PM Modi arrives at Beating Retreat ceremony at Vijay Chowk in Delhi
दैनिक भास्कर हिंदी: Beating The Retreat: बैंड की पारंपरिक धुनों पर तीनों सेनाओं ने किया मार्च, पहली बार हुआ वंदे मातरम गायन
हाईलाइट
- विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह का आयोजन
- बीटिंग रिट्रीट समारोह में पहली बार गाया गया वंदे मातरम
- समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की शिरकत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस समारोह के तहत बुधवार को राजधानी दिल्ली के विजय चौक पर 'बीटिंग द रिट्रीट' सेरेमनी का आयोजन किया गया। रायसीना रोड स्थित राष्ट्रपति भवन के सामने हुए समारोह में तीनों भारतीय सेनाओं ने अलग-अलग पारंपरिक बैंडों की धुनों पर मार्च किया। 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह में पहली बार वंदे मातरम गाया गया। इस भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की। बीटिंग रिट्रीट के समापन के बाद रायसीना हिल में उत्तर और दक्षिण ब्लॉक को तीन रंगों की लाइटों से रोशन किया गया है।
बता दें कि चार दिन तक चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का समापन बीटिंग रिट्रीट के साथ ही होता हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपति चीफ गेस्ट होते हैं।
Delhi: Tricolour lighting illuminates North and South Blocks at Raisina Hill, after conclusion of #BeatingRetreat. pic.twitter.com/ESn7oywhyk
— ANI (@ANI) January 29, 2020
सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी
बता दें कि गणतंत्र दिवस समारोह के जश्न की शुरुआत परेड से होती है और समापन 'बीटिंग द रिट्रीट' सेरेमनी के साथ होता है। ये गणतंत्र दिवस के ठीक तीन बाद यानी 29 जनवरी को आयोजित की जाती है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। यह सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है।
सेरेमनी में महात्मा गांधी की प्रिय धुन भी बजाई जाती है
'बीटिंग द रिट्रीट' सेरेमनी का आयोजन हर साल 29 जनवरी को रायसीना रोड स्थित राष्ट्रपति भवन के सामने किया जाता है। इसमें चीफ गेस्ट राष्ट्रपति होते हैं। यह आयोजन तीन सेनाओं के एक साथ मिलकर सामूहिक बैंड वादन से आरंभ होता है। इसमें 3 सेनाओं के बैंड की पारंपरिक धुन बजाते हैं। इस दौरान ड्रमर भी एकल प्रदर्शन (जिसे ड्रमर्स कॉल कहते हैं) करते हैं। इसके अलावा महात्मा गांधी की प्रिय धुनों में से एक कही जाने वाली ड्रमर्स की ओर से 'एबाइडिड विद मी' बजाई जाती है और ट्युबुलर घंटियों की ओर से चाइम्स बजाई जाती हैं, जो काफी दूरी पर रखी होती हैं और इससे एक मनमोहक दृश्य बनता है।
#WATCH Live from Delhi: Beating Retreat ceremony at Vijay Chowk https://t.co/6xXpmEGKVc
— ANI (@ANI) January 29, 2020
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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