मासूमों से रेप पर होगी फांसी, केन्द्र सरकार ने अध्‍यादेश को दी मंजूरी

POCSO ACT: Rape with Child below 12 years of age will be hanged
मासूमों से रेप पर होगी फांसी, केन्द्र सरकार ने अध्‍यादेश को दी मंजूरी
मासूमों से रेप पर होगी फांसी, केन्द्र सरकार ने अध्‍यादेश को दी मंजूरी
हाईलाइट
  • 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में दोषियों को फांसी की सजा दी जा सकेगी।
  • इसके साथ ही 16 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर 20 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
  • वहीं महिलाओं से रेप के मामले में भी सजा 7 साल से बढ़ाकर 10 साल का प्रस्ताव किया गया है।
  • सरकार ने बच्चों के यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पॉक्‍सो एक्ट) में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
  • ऐस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में नाबालिगों से रेप के बढ़ते मामलों पर पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने बच्चों के यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पॉक्‍सो एक्ट) में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केन्द्र सरकार द्वारा पॉक्सो एक्ट में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने को हरी झंडी दिखाए जाने के बाद अब 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामलों में दोषियों को फांसी की सजा दी जा सकेगी। ऐसे मामलों में कम से कम 20 साल जेल या उम्रकैद और अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही 16 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म पर 20 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं महिलाओं से रेप के मामले में भी सजा 7 साल से बढ़ाकर 10 साल का प्रस्ताव किया गया है। जघन्य मामलों में यह सजा बढ़कर उम्रकैद तक की जा सकेगी।

पॉक्सो एक्ट में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की मंजूरी देने के बाद अब सभी रेप केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी और 6 महीने के अंदर ऐसे मामलों में फैसला सुनाना होगा। संशोधित प्रस्ताव में रेप केस की जांच के लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। इसके तहत यह जांच 2 महीने में पूरी करनी होगी। सभी थानों और अस्पतालों को रेप के मामलों के लिए स्पेशल फरेंसिक किट्स दिए जाएंगे।

ऐसे मामलों में अब दोषियों को अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी। बता दें कि यह अध्यादेश जिस दिन आएगा, उसी दिन से प्रभावी माना जाएगा। अध्यादेश आने के पहले के केसों पर यह लागू नहीं होगा। पॉक्सो एक्ट के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार अभी नाबालिगों और महिलाओं से दुष्कर्म मामलों में अधिकतम सजा उम्रकैद है, जबकि न्यूनतम सजा 7 साल की जेल है।

बता दें कि पीएम मोदी के नई दिल्ली स्थित आवास पर इस संबंध में शनिवार दोपहर बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। करीब ढाई घंटे तक चली इस बैठक के बाद सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया। गौरतलब है कि उन्नाव और कठुआ में पिछले दिनों हुई रेप की घटनाओं को बाद ऐसे आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग उठ रही थी। मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश दौरे से लौटते ही इस संबंध में कैबिनेट की बैठक बुलाकर तुरंत अध्यादेश लाने को मंजूरी दी है।

Created On :   21 April 2018 3:46 PM IST

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