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- Porter in Ladakh said, willing to sacrifice himself for the country (special ground report from Leh)
दैनिक भास्कर हिंदी: लद्दाख में पोर्टर ने कहा, देश के लिए खुद को बलिदान करने को तैयार (लेह से विशेष ग्राउंड रिपोर्ट)

हाईलाइट
- लद्दाख में पोर्टर ने कहा, देश के लिए खुद को बलिदान करने को तैयार (लेह से विशेष ग्राउंड रिपोर्ट)
लेह, 24 जून (आईएएनएस)। रिंगजिन की उम्र 65 वर्ष है, मगर वह अभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ड्यूटी करना चाहते हैं और जितना भी संभव हो, भारतीय सेना की मदद करना चाहते हैं।
वह लद्दाख में उन कई पोर्टर्स में से एक हैं, जिन्होंने 1999 में कारगिल संघर्ष के दौरान दुर्गम पहाड़ियों पर सेना के लिए जरूरत का सामान पहुंचाया था। युद्ध के समय पहाड़ पर सेना तक सामग्री पहुंचाने वाले इन कुलियों का भी भारत की जीत में योगदान रहा। उस समय किए उस बहादुरी के काम पर उन्हें आज भी गर्व है और वह अभी भी यह काम दोहराने के लिए तैयार हैं।
कारगिल संघर्ष के बाद रिंगजिन सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन उनके अंदर अभी भी देश की सेवा करने का जज्बा कम नहीं हुआ है। उन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान एक पोर्टर के रूप में खुद की सेवा दी थी जो उनके लिए प्रेरणा के साथ ही गर्व की बात भी है। उन्होंने दुश्मनों को खदेड़ने के लिए सेना तक पहाड़ी की चोटी तक भारी उपकरण और जरूर सामान पहुंचाया था।
उन्होंने कहा, मैं कारगिल संघर्ष के दौरान हमारे सैनिकों के लिए 20 किलो वजनी उपकरण लेकर पहाड़ों पर चढ़ा था।
रिंगजिन ने कहा कि जब भी अतीत में लड़ाई हुई है, लद्दाख के लोग सैनिकों के साथ रहे हैं और उन्होंने देश सेवा में अपना योगदान दिया है।
हाल के दिनों में एलएसी पर चीन व भारत के बीच तनाव बढ़ा हुआ है और चीनी पीएलए द्वारा किसी भी संभावित दुस्साहस को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को जरूरी सामग्री के साथ सीमा के पास तैनात किया गया है। ऐसी परिस्थिति में लद्दाख के कई लोगों का कहना है कि वे देश की रक्षा के लिए पोर्टर (कुली) के रूप में काम करने के लिए तैयार हैं।
लद्दाख एक सीमावर्ती शहर है, जहां कई बार तनावपूर्ण स्थिति व संघर्ष देखने को मिलता है। यहां रिंगजिन जैसे लोगों ने पिछले संघर्षों में स्वयंसेवी बल के तौर पर बड़ी भूमिका निभाई है। इन लोगों ने सैनिकों के लिए पहाड़ों पर भारी उपकरणों को मुहैया कराते हुए सही मायने में देश की सेवा की है।
रिंगजिन का कहना है कि अगर सरकार आदेश देती है, तो लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों की सहायता के लिए स्वयंसेवकों की कोई कमी नहीं होगी।
उन्होंने कहा, हम योगदान देने के लिए तैयार हैं। सरकार हमें आदेश दे। हम देश के लिए सब कुछ बलिदान करने के लिए तैयार हैं।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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