..तो क्या RSS के स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे प्रणब मुखर्जी?
डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे प्रणब मुखर्जी 7 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर सकते हैं। नागपुर में आरएसएस के सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है। एक मीडिया रिपोर्ट में RSS सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नागपुर में 7 जून को होने वाले अंतिम वर्ष के स्वयंसेवकों के विदाई संबोधन के लिए पूर्व राष्ट्रपति को आमंत्रित किया गया है और लगभग तय है कि वे इस कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों से 45 साल से कम उम्र के करीब 800 कार्यकर्ता आरएसएस हेडक्वार्टर कैंप में शामिल होंगे।
दो दिन पहले ही रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय पहुंचीं थीं। यहां उन्होंने तीसरे और आखिरी साल के ट्रेनी स्वयंसेवकों को संबोधित किया था। बता दें कि आरएसएस अपने स्वयंसेवकों को पूर्णकालिक प्रचारक बनाने के लिए तीन साल का एक वर्ग रखता है। इसे संघ शिक्षा वर्ग कहा जाता है। इस वर्ग में 3 साल बिताने के बाद स्वयंसेवक, संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन जाते हैं। इस ट्रेनिंग को पहले ऑफिसर ट्रेनिंग कोर्स (ओटीसी) भी कहा जाता था।
संघ के इस इवेंट में प्रणब मुखर्जी के आने की खबर निश्चित ही हैरान कर देने वाली है। अगर वास्तव में वे इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो कांग्रेस पार्टी में बड़ी खलबली मच सकती है, क्योंकि प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। एक समय वे पीएम पद के भी दावेदार थे। हालांकि इंदिरा गांधी की मौत के बाद वे कांग्रेस से कुछ समय के लिए दूर भी हो गए थे। 1986 में उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी भी बनाई थी। हालांकि तीन साल बाद ही उन्होंने अपने मतभेद पार्टी से खत्म कर अपने दल का कांग्रेस में विलय कर दिया था।
प्रणब मुखर्जी एक स्पष्ट और प्रखर राजनेता के रूप में जाने जाते रहे हैं। कई बार वे कुछ मुद्दों को लेकर अपनी पार्टी लाइन से अलग होकर भी बयान देते रहे हैं। उनकी बेबाक शैली के लिए विरोधी भी उनके कायल रहे हैं। कुछ समय पहले जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे तो आरएसएस चीफ मोहन भागवत उनसे मिलने भी पहुंचे थे।
Created On :   28 May 2018 12:44 AM IST