IIT Bombay: महाराष्ट्र सरकार IIT बंबई का नाम बदलने के लिए पीएम मोदी को लिखेगी पत्र, क्या होगा नया नाम?

महाराष्ट्र सरकार IIT बंबई का नाम बदलने के लिए पीएम मोदी को लिखेगी पत्र, क्या होगा नया नाम?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जाएगा। साथ ही केंद्रीय मंत्री को भी इस संबंध में पत्र जारी किया जाएगा।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बंबई (IIT Bombay) का नाम बदलने का मामला सामने आई हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जाएगा। साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भी इस संबंध में पत्र जारी किया जाएगा। मुंबादेवी के सम्मान और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के समय बंबई नाम रखा गया था। आधिकारिक तौर पर इसका नाम 1995 में बदलकर मुंबई रख दिया गया था, लेकिन इंस्टिट्यूट का नाम अभी तक वही है। अब राजधानी के साथ इंस्टिट्यूट के नाम को भी मुंबई करने की कवायद शुरू हो गई हैं।

इंस्टिट्यूट के नाम बदलने की क्यों उठी मांग?

महाराष्ट्र सरकार में शिक्षा मंत्री जितेंद्र सिंह आईआईटी बंबई के कार्यक्रम में पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने कहा था, "जहां तक आईआईटी बंबई का सवाल है, शुक्र है कि इसका नाम अब भी यही है। आपने इसे बदलकर मुंबई नहीं किया है, तो यह आपके लिए एक और प्रशंसा की बात है। और मद्रास के लिए भी यही बात सही है। यह अब भी आईआईटी मद्रास ही है।"

राज ठाकरे ने शिक्षा मंत्री पर साधा निशाना

शिक्षा मंत्री का यह बयान सामने आने के बाद MNS चीफ राज ठाकरे ने पलटवार किया और कहा, "हमारी मराठी मुंबई महाराष्ट्र में ही रही. दशकों से उनके मन में जो कड़वाहट भरी हुई थी, वह अब एक बार फिर बाहर आने लगी है।" उनका आगे कहना है, "मुंबई के लोगों और पूरे मुंबई महानगर क्षेत्र में रहने वाले सभी मराठी लोगों को अब अपनी आंखें खोल लेनी चाहिए।"

ठाकरे ने सरकार पर कसा तंज

राज ठाकरे ने मौजूदा सत्तारूढ़ दल पर तंज सकते हुए कहा कि मुंबई नाम उन लोगों को परेशान कर रहा है क्योंकि यह नाम देवी मुंबादेवी के नाम पर रखा गया है और उनकी संतानें मराठी है, जो सदियों से यहीं पर निवास कर रहे है। उन्होंने आगे केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को पंजाब से छीनने का प्रयास किया था, लेकिन सभी अन्य राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद सरकार को पीछे हटना पड़ा। उन्होंने सरकार के इस कदम को अस्थायी बताया है और कहा, "मुंबई के मामले में भी कुछ ऐसा ही चल रहा है। शहर पर कब्जा करने की कोशिश ज़रूर चल रही है। पहले मुंबई और फिर पूरे एमएमआर क्षेत्र पर कब्ज़ा करके उसे गुजरात से जोड़ दिया जाएगा। मराठी लोगों को जाग जाना चाहिए।"

Created On :   26 Nov 2025 8:27 PM IST

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