चीता प्रजाति को भारत के ऐतिहासिक निवास-स्थल में फिर से लाने की तैयारी
- प्रोजेक्ट चीता: चीता प्रजाति को भारत के ऐतिहासिक निवास-स्थल में फिर से लाने की तैयारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रोजेक्ट चीता, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य इस प्रजाति को भारत के अपने ऐतिहासिक निवास-स्थल में फिर से स्थापित करना है। गौरतलब है कि भारत में चीता की प्रजाति विलुप्त हो चुकी है। अब विदेश से चीते की प्रजाति लाकर उन्हें भारत में उनके ऐतिहासिक निवास स्थान पर फिर से बताया जा रहा है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का कहना है कि मीडिया के कुछ हिस्सों में रिपोर्ट आयी है कि अफ्रीकी चीता अभी भी पारगमन में फंसे हुए हैं। यह रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार है। नामीबिया गणराज्य के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं और दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने की प्रक्रिया चल रही है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मुताबिक जंगली प्रजातियों विशेष रूप से चीता को फिर से स्थापित करने का कार्य आईयूसीएन दिशानिर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से पहले चीतों में सभी प्रकार की बीमारियों की जांच, छोड़े जाने वाले जानवरों को क्वारंटाइन करना आदि के साथ जीवित जंगली जानवरों के एक से दूसरे महाद्वीप में परिवहन आदि प्रक्रियाओं के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनने और इसका निष्पादन करने की आवश्यकता होती है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का कहना है कि चीता को निर्दिष्ट निवास स्थल (रेंज) में छोड़े जाने स्थानांतरित किये जाने की तारीख अभी तय नहीं की गई है। पूरी प्रक्रिया की संवेदनशीलता को देखते हुए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानी बरत रहा है। आगमन पर, चीतों को क्वारंटाइन में रखा जाएगा और जंगल में छोड़े जाने से पहले उनकी निगरानी की जाएगी।
आईएएनएस
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Created On :   18 Aug 2022 12:30 AM IST