बच्चा पैदा करने के लिए हाईकोर्ट के फैसले को सहारा बना रहे राजस्थान की जेलों में बंद कैदी, परेशान हो कर सरकार को लेनी पड़ी सुप्रीम कोर्ट की शरण

Rajasthans Gehlot government upset over parole of prisoners, reached Supreme Court for hearing
बच्चा पैदा करने के लिए हाईकोर्ट के फैसले को सहारा बना रहे राजस्थान की जेलों में बंद कैदी, परेशान हो कर सरकार को लेनी पड़ी सुप्रीम कोर्ट की शरण
राजस्थान बच्चा पैदा करने के लिए हाईकोर्ट के फैसले को सहारा बना रहे राजस्थान की जेलों में बंद कैदी, परेशान हो कर सरकार को लेनी पड़ी सुप्रीम कोर्ट की शरण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में  अजीबो गरीब मामले सामने आ रहे है, जिनसे राज्य की गहलोत सरकार सोच में पड़ गई है। दरअसल सूबे में जेल में सजा काट रहे  कैदियों की संख्या परोल मांग को लेकर लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे चिंतित होकर राज्य सरकार ने सुको का दरवाजा खटखटाया है। मामले को जानकर आप भी चौंक जाएंगे।

दरअसल ,राजस्थान हाई कोर्ट  ने 5 अप्रैल को अजमेर जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे नंदलाल को पत्नी से संबंध बनाने और संतान पैदा करने के लिए, 15 दिन की परोल पर रिहा करने का आदेश जारी किया गया था। आदेश के बाद जेल में बंद अन्य कैदियों ने भी इसी तर्ज पर राज्य सरकार से परोल मांगना शुरू कर दी। हाइकोर्ट आदेश के बाद सूबे की सरकार मुश्किल में पड़ती दिखाई दे रही है। इससे परेशान होकर राजस्थान सरकार ने हाईकोर्टआदेश को चुनौती देने के लिए  शीर्ष कोर्ट पहुंची है।  राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें  उम्र कैद की सजा काट रहे एक व्यक्ति को 15 दिन के लिए रिहा किया गया था। आदेश के पीछे बेंच का मानना था कि पत्नी की भी  जिंदगी से जुड़ी अपनी जरूरतें होती हैं, मां बनना उसका प्राकृतिक अधिकार है। इससे उसे वंचित नहीं किया जाना चाहिए। उच्च कोर्ट ने इसके पीछे धर्मों की मान्यता और गर्भधारण करना धार्मिक परंपराओं के मुताबिक अहम है। 

क्या था मामला?

 34 साल का नंदलास भीलवाड़ा उम्र कैद की सजा में  2019 से जेल में बंद है,नंदलाल की पत्नी रेखा ने मां बनने के लिए अजमेर की डिस्ट्रिक्ट परोल कमिटी के अध्यक्ष को आवेदन दिया था। कई दिनों तक आवेदने के लंबित रहने के बाद ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया।  वहां 2 जजों की बेंच ने महिला के अधिकार को देखते हुए कैदी को परोल पर  रिहा करने के आदेश दिए। 

हाईकोर्ट आदेश के खिलाफ अब राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आदेश निरस्तीकरण की मांग की है। खबरों की मुताबिक अब इस मामले की सुनवाई सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच अगले हफ्ते करेंगी। 

Created On :   25 July 2022 8:29 AM GMT

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