- महाराष्ट्र के नौ जिलों में बर्ड फ्लू, मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में कुक्कुट पक्षियों को मारना जारी
- जालोर बस दुर्घटना अपडेट: घटना में 6 लोगों की हुई मौत, कई घायल
- दिल्लीः रिपब्लिक डे परेड की रिहर्सल आज से, इंडिया गेट के आसपास ट्रैफिक डायवर्ट
- महाराष्ट्र में 18 जनवरी तक नहीं लगेगा कोरोना का टीका, Co-WIN ऐप में आई गड़बड़ी
- नई दिल्लीः ब्रैंक फ्रॉड मामले में CBI के 4 अफसरों पर एक्शन
राजनाथ सिंह की चंद्रबाबू को नसीहत, जो कांग्रेस के जाल में फंसा, वो गया

हाईलाइट
- गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर चंद्रबाबू नायडू को कांग्रेस से दूर रहने की नसीहत दी है।
- गृहमंत्री मंगलवार को अमरावती के गुंटूर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
- राजनाथ सिंह ने चंद्रबाबू से कहा आप कांग्रेंस की पास्ट हिस्ट्री उठाकर देख लीजिए, जो फंसा वो गया।
डिजिटल डेस्क, अमरावती। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर चंद्रबाबू नायडू को कांग्रेस से दूर रहने की नसीहत दी है। गृहमंत्री मंगलवार को अमरावती के गुंटूर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने चंद्रबाबू को कांग्रेस का इतिहास देखने को कहा, उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस के जाल में फंसा समझो गया। बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिए जाने से नाराज होकर बीजेपी का साथ छोड़ दिया था।
राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेता और आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर चंद्रबाबू नायडू से कहना चाहता हूं, आप कांग्रेस के जाल में फसेंगे। आप कांग्रेंस की पास्ट हिस्ट्री उठाकर देख लीजिए, जो फंसा वो गया। कांग्रेस तो अब अंतिम सांसे गिन रही है, लेकिन चंद्रबाबू जी सोचते है कांग्रेस को वेंटिलेटर लगाकर हम कुछ समय के लिए जिंदा रख सकते हैं। कांग्रेस अब जिंदा नहीं रहने वाली है चंद्रबाबू जी। ये UPA अब NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) बन गई है।
बता दें कि अगले साल लोकसभा चुनावों के बाद आंध्र में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। नायडू मोदी सरकार से नाता तोड़ चुके हैं और अगला चुनाव अकेले दम पर ही लड़ेंगे। नायडू ने आंध्र को विशेष राज्य का मुद्दा उठाकर पहले ही बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अब थर्ड फ्रंट की वकालत कर रहे बाकी नेता भी नायडू को अपने साथ लाना चाहते हैं, ताकि बीजेपी को दक्षिण में टक्कर दी जा सके। अगर नायडू थर्ड फ्रंट में आते हैं या समर्थन देते हैं, तो बीजेपी के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
जानकारों की माने तो चंद्रबाबू नायडू की एनडीए से दोस्ती तोड़ने का एक मकसद ये भी है कि वो खुद को मजबूत कर सकें। काफी समय पहले से ही बीजेपी के खिलाफ एक मोर्चा बनाए जाने की बात हो रही थी और नायडू ये बात अच्छी तरह समझते थे कि बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनने से नुकसान उन पार्टियों को भी होगा, जो एनडीए में शामिल है।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।