5वीं क्लास की बच्ची के साथ रेप के बाद गांव वालों को दी दावत

Rape with 5th class student girl in gadchiroli district of maharashtra
5वीं क्लास की बच्ची के साथ रेप के बाद गांव वालों को दी दावत
5वीं क्लास की बच्ची के साथ रेप के बाद गांव वालों को दी दावत

डिजिटल डेस्क, गडचिरोली। रेप पीड़ितों को लेकर आरोपियों को शह देना अक्सर फिल्मों में देखा जाता है। मगर ऐसा ही कुछ इंसानियत को झकझोरने वाला मामला गड़चिरोली जिले के एक आदिवासी गांव से सामने आया है। यहां एक 5वीं क्लास की मासूम बच्ची के साथ रेप के बाद आरोपी ने पूरे गांव को दावत दी। ऐसा उस आरोपी ने ग्राम की जात पंचायत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद किया गया।

दरअसल मामले में जात पंचायत ने सभा बुलाकर उस आरोपी को सजा के तौर पर गांववालों को भोज कराने और पीड़िता को 12 हजार रुपए देकर मामला निपटा दिया। पीड़िता की हालत बिगड़ने पर मामला सामने आया तो भूमकाल संगठन ने आरोपी को सजा सुनाने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने पूरे गांव के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

वैसे तो देश में सभी के लिए न्याय व्यवस्था समान है। लेकिन धर्म निरपेक्ष इस देश में कानून की सरेआम धज्जियां उड़ती दिखायी दे रहीं है। आदिवासी बहुल मोहली गांव में दूराचारी को पुलिस के हवाले करने के बजाए ग्रामवासियों ने जात पंचायत बुलाकर आरोपी को ग्रामभोज समेत पीड़िता को 12 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुना डाली। भूमकाल संगठन के कार्यकर्ताओं ने मोहली पहुंचकर पड़ताल करने के बाद यह खुलासा पत्रकारों के समक्ष किया है। इस मामले में संगठन ने समूचे गांव के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई करने की मांग की है।

बता दें कि, पीडि़ता को अस्पताल में दाखिल करने के बाद परिजनों द्वारा गांव की पुलिस पटेल नंदा नरचुलवार से शिकायत करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी को गिरफ्तार किया। इस संदर्भ में भूमकाल संगठन की प्रा. डॉ. रश्मी पारसकर और प्रा. दीपाली मेश्राम ने पत्रकारों को बताया कि, धानोरा तहसील के मोहली गांव में 17 जनवरी को जिप स्कूल में कक्षा 5 वीं में शिक्षारत् एक नाबालिग बालिका पर गांव के ही अनिल मडावी नामक व्यक्ति ने दूराचार किया।

इस मामले में मोहली ग्रामवासियों ने 18 जनवरी को जात पंचायत बुलायी। इस जात पंचायत में आरोपी अनिल मडावी के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई करने का निर्णय लेने के बजाए उस पर ग्रामभोज और पीडि़ता को 12 हजार रूपये जुर्माना देने का ऐलान किया गया। जात पंचायत के आदेश के बाद दूसरे ही दिन दूराचारी अनिल ने ग्रामवासियों को मांसाहारी भोजन भी खिलाया, लेकिन आरोपी के खिलाफ किसी प्रकार की फौजदारी कार्रवाई नहीं की गयी। जब पीडि़ता की तबीयत बिगडऩे लगी, उस समय पीडि़ता के परिजनों ने पुलिस पटेल नंदा नरचुलवार को घटना की जानकारी दी।

पुलिस पटेल ने तत्काल धानोरा पुलिस को जानकारी देकर मामला दर्ज करने की मांग की। 24 जनवरी को धानोरा पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी अनिल के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। मात्र एफआईआर में जात पंचायत का किसी प्रकार से उल्लेख नहीं किये जाने का आरोप भूमकाल संगठन ने लगाया है। मामले को दबाने के लिए मोहली ग्रामवासियों ने संबंधित दूराचारी को पुलिस के हवाले नहीं करने का आरोप भी इस समय भूमकाल संगठन ने लगाया है।

जब यह मामला भूमकाल संगठन के पास आया तो, उन्होंने पड़ताल करने के लिए मोहली ग्रामवासियों से संपर्क किया। लोगों से हुई चर्चा के दौरान ग्रामवासियों ने अपनी गलती मानते हुए ग्रामभोज की बात भी मानी। बहरहाल जिले में वुमेन्स अगेन्स्ट सेक्श्युअल वालयन्स और ह्यूमन राईट्स लॉ नेटवर्क नामक संस्थाएं कार्यरत है। लेकिन उनके द्वारा भी इस मामले को उजागर करने का प्रयास नहीं किया गया। किसी पीडि़ता को न्याय देने के बजाएं ग्रामभोज का स्वाद लेते हुए दुराचारी को बचाने का प्रयास करने वाले ग्रामवासियों को इस मामले में सहआरोपी करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी प्रा. डा. रश्मी पारसकर और प्रा. दीपाली मेश्राम ने की है।

Created On :   3 Feb 2018 9:25 PM IST

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