सबरीमाला मंदिर में उम्र विशेष की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लिंगभेद नहीं : RSS

Restrictions on entry of women of age in Sabarimala temple not gender discrimination: RSS
सबरीमाला मंदिर में उम्र विशेष की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लिंगभेद नहीं : RSS
सबरीमाला मंदिर में उम्र विशेष की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लिंगभेद नहीं : RSS

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दायर पुनर्विचार याचिकाओं को संवैधानिक पीठ को सौंपे जाने के फैसले का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) ने स्वागत किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुरुवार को आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने संगठन की तरफ से जारी बयान में कहा, हम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करने तथा मामले को बड़ी संवैधानिक पीठ के पास भेजने का स्वागत करते हैं।

उन्होंने संघ की तरफ से कहा, हमारा दृढ़ मत है कि इस मामले में न्यायिक समीक्षा हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त पूजा की स्वतंत्रता की भावना का उल्लंघन होगी और संबंधित पक्ष की राय को ऐसे मामलों में सर्वोपरि माना जाना चाहिए। संघ ने आगे अपने बयान में कहा, परंपराओं और रीति-रिवाजों से जुड़े मामले आस्था और विश्वास के मुद्दे हैं। सबरीमला मंदिर में एक विशेष आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध से लिंग असमानता या भेदभाव का कोई संबंध नहीं है, तथा यह प्रतिबंध केवल देवता की विशिष्टता के कारण है।

 

Created On :   14 Nov 2019 7:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story