केरल: सबरीमाला के मुद्दे को भुनाकर हिंदू वोट बैंक पर बीजेपी की नजर ?
![Sabarimala issue in Kerala, Bjp wants Hindu vote bank in south India Sabarimala issue in Kerala, Bjp wants Hindu vote bank in south India](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2018/10/sabarimala-issue-in-kerala-bjp-wants-hindu-vote-bank-in-south-india1_730X365.jpg)
- दक्षिण भारत में अपना आधार मजबूत करने की कोशिश में भाजपा
- महिलाओं को एंट्री की अनुमति से केरल में मचा संग्राम
- सरकार से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की मांग कर रही बीजेपी
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को एंट्री की अनुमति से राज्य में संग्राम मचा हुआ है। अयप्पा के भक्तों के साथ ही हिंदूवादी संगठन इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिन्हें राजनैतिक रूप से भारतीय जनता पार्टी का साथ मिल रहा है। भाजपा के इस फैसले को दक्षिण भारत में अपना आधार मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। केरल के साथ ही पूरे दक्षिण भारत में अयप्पा के भक्त होने के कारण भाजपा 2019 चुनाव से पहले हिंदू वोट बैंक को अपनी तरफ करना चाहती है।
बुधवार को सबरीमाला के कपाट 5 दिन की विशेष पूजा के लिए खुल रहे हैं। एक तरफ केरल की वामपंथी सरकार महिला संगठनों को प्रवेश दिलाने की तैयारी में जुटी हुई है तो दूसरी तरफ भाजपा सहित कई दक्षिणपंथी संगठनों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। भाजपा सरकार से डिमांड कर रही है कि वो मंदिर पर हुए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे। इसके लिए दक्षिणपंथी पार्टियां सरकार पर दवाब बनाने की कोशिश भी कर रही हैं। सोमवार को कई संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया था।
लेफ्ट पार्टियों के कब्जे में हिंदू वोट बैंक
केरल में हिंदू वोट बैंक को वामपंथी पार्टियों का आधार माना जाता है। राज्य की मुस्लिम और ईसाई आबादी पर कांग्रेस का वर्चस्व है। भाजपा यहां अपने लिए जगह बनाने में अब तक कामयाब नहीं हो पाई है। 2014 के चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद यहां भाजपा खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। उस समय 6.4 फीसदी से बढ़कर भाजपा का वोट बैंक यहां 10.33 फीसदी हो गया था। राज्य में एनडीए का कुल वोट बैंक 15 फीसदी था। केरल में 52 प्रतिशत हिंदू, 27 फीसदी मुस्लिम और 18 फीसदी ईसाई आबादी है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के बीच यहां कड़ा मुकाबला होता है।
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केरल में भाजपा की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा 2016 के विधानसभा चुनाव में यहां सिर्फ खाता ही खोल पाई थी। 140 सीटों वाले केरल में नेमोम विधानसभा सीट पर भाजपा के राजगोपाल ने जीत हासिल की थी। कुछ सीटों पर भाजपा दूसरे स्थान पर भी रही थी। केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में कमल खिलाना चाहती थी, जिसमें से त्रिपुरा में पार्टी ने कामयाबी हासिल कर ली है। केरल में सबरीमाला मुद्दे को आधार बनाकर भाजपा इसे भुनाना चाहती है। दो सीटें सहयोगियों को देकर भाजपा ने 2014 में राज्य की 20 में से 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। भाजपा 17 सीटों पर तीसरे नंबर पर, जबकि 1 सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी। केरल की त्रिवेंद्रम लोकभा सीट पर कांग्रेस के शशि थरूर ने 2 लाख 97 हजार 806 वोट से जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा के राजगोपाल 2 लाख 82 हजार 336 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। महज 15 हजार 470 वोट के सहारे ही शशि थरूर ने जीत हासिल की थी। केरल की 5 लोकसभा सीटों पर भाजपा को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे, जिनमें त्रिशूर, पथनमथीट्टा, कोझिकोड, कासरगोड और पलक्काड सीट शामिल है। आठ सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को 70 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।
Created On :   17 Oct 2018 3:41 AM GMT