रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन के वेटर्स की भगवा यूनिफॉर्म को लेकर हुई विरोध के बाद बदला यूनिफॉर्म

Saffron uniform of waiters of Ramayana circuit special train surrounded by controversy
रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन के वेटर्स की भगवा यूनिफॉर्म को लेकर हुई विरोध के बाद बदला यूनिफॉर्म
साधु-संतो के विरोध का हुआ असर रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन के वेटर्स की भगवा यूनिफॉर्म को लेकर हुई विरोध के बाद बदला यूनिफॉर्म
हाईलाइट
  • 12 दिसंबर को चलेगी दूसरी रामायण एक्सप्रेस ट्रेन
  • वेटर्स के भगवा यूनिफॉर्म को लेकर शुरू हुआ विवाद

डिजिटल डेस्क, भोपाल। रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन के वेटर्स की भगवा यूनिफॉर्म विवादों से घिरने के बाद रेल मंत्रालय ने बात मानी और अब वेटर्स का ड्रेस बदलने का आदेश हो गया है। इस जानकारी को खुद आईआरसीटीसी ने ट्वीट कर दी। बता दें कि उज्जैन के साधु-संतो ने उनके कपड़ो, पगड़ी और रूद्राक्ष की माला पर आपत्ति उठाई थी। उन्होंने रेलमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि अगर वेटर्स की ड्रेस नहीं बदली तो ट्रेन रोकेंगे। तथा अगली ट्रिप का विरोध करेंगे।

रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन की पहली ट्रिप शुरू

आपको बता दें कि बीते 7 नवंबर को रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन की पहली ट्रिप शुरू हुई थी। जो कि दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन से यह ट्रेन 156 यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी। आईआरसीटीसी ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देखो अपना देश पहल के तहत डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन चलाई है। इस ट्रेन के वेटर्स का ड्रेसकोड भगवा कपड़े रखे गए हैं। जिसको लेकर साधु-संतो का हंगामा शुरू हो गया है। हालांकि विरोध के बाद रेल मंत्रालय ने बात मानी और अब वेटर्स का ड्रेस बदल गया।

परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने दर्ज किया विरोध

आपको बता दें कि उज्जैन में अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने बयान जारी कर इस ट्रेन का विरोध किया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि जल्द ही वेटर्स की यूनिफॉर्म को बदला जाए, वरना 12 दिसंबर को ट्रेन की अगली ट्रिप पर संत समाज विरोध करेगा। ट्रेन के सामने हजारों हिंदू प्रदर्शन करेंगे। हालांकि इस विरोध को देखते हुए रेलमंत्रालय तत्काल अपने फैसले वापस ले लिए हैं और ड्रेस कोड बदलने का आदेश दे दिया है। 

होटल से कम खास नहीं है ट्रेन का कोच

आपको बता दें कि रामायण एस्सप्रेस को खासतौर से डिजाइन किया गया है। एसी कोच वाली ट्रेन में साइड वाले बर्थ को हटा कर यहां आरामदायक कुर्सी टेबल लगाए गए हैं। ताकि यात्री सफर का आनंद ले सके। इसमें होटल की तरह यात्रियों को किट मिलेगी। अलग से शौचालय का भी निर्माण किया गया है। जिसमें नहाने का विशेष प्रबंध है। ट्रेन में दो डाइनिंग कोच तैयार किए गए हैं, जहां गर्मागर्म खाना यात्रियों को दिया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए सारा इंतजाम रखा गया है।

यात्रा का पहला ठहराव अयोध्या में

बता दें कि रामायण सर्किट सफदरगंज से श्रीराम के जन्म स्थान अयोध्या गई थी। यहां यात्रियों को श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री हनुमान मंदिर और नंदीग्राम में भरत मंदिर का दर्शन कराया गया। फिर यात्रियों को सीतमढ़ी ले जाया गया, जहां जानकी जन्म स्थान और नेपाल के जनकपुर स्थित राम-जानकी मंदिर का दर्शन कराया गया। नेपाल से लौटाने के बाद ट्रेन का पड़ाव काशी था। फिर चित्रकूट से नासिक, किष्किंधा नगरी हंपी और रामेश्वरम गई। गौरतलब है कि यह ट्रेन 17वें दिन 7,500 किलोमीटर सड़क व रेल मार्ग का सफर तय कर लौटेगी। 


दूसरी रामायण एक्सप्रेस 12 दिसंबर को चलेगी 

यात्रियों की मांग को देखते हुए आईआरसीटीसी ने दूसरी रामायण सर्किट एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक 12 दिसंबर को दूसरी ट्रेन रवाना होगी। आईआरसीटीसी की वेबसाइट https://www.irctctourism.com पर ऑनलाइन बुकिंग यात्री करा सकेंगे। एसी फर्स्ट में यात्रा के लिए 1,02,095 रुपये प्रति व्यक्ति व एसी द्वितीय श्रेणी से यात्रा के लिए 82,950 रुपये लगेंगे। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार की ट्रेन ट्रिप में यात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है। 
 

Created On :   22 Nov 2021 6:47 PM GMT

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