जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति के खिलाफ लगी याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
- आधार मामले में जस्टिस सीकरी ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एम खानविलकर की तरफ से फैसला पढ़ा
- सुको ने बुधवार को SC/ST को सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण पर भी फैसला सुनाया है
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति में दखल का यह सही मंच नहीं है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आधार कार्ड और प्रमोशन में आरक्षण पर फैसला देने के बाद अगले CJI रंजन गोगोई की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल याचिका को SC ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की नियुक्ति में दखल का यह सही मंच नहीं है।
Supreme Court dismisses a petition challenging the appointment of Justice Ranjan Gogoi as the next Chief Justice of India, the petition was filed by advocate RP Luthra seeking to quash the appointment
— ANI (@ANI) September 26, 2018
कई कामों में अब आधार कार्ड जरूरी नहीं
इसके अलावा आधार मामले में जस्टिस सीकरी ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एम खानविलकर की तरफ से फैसला पढ़ा। सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि यह समाज के हाशिए वाले वर्गों को शक्ति प्रदान करता है। हालांकि, कोर्ट ने फैसला सुनाया कि स्कूलों में एडमिशन और मोबाइल फोन कनेक्शन के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं है। यूजीसी, एनईईटी और सीबीएसई परीक्षाओं के लिए भी आधार अनिवार्य नहीं होगा। अदालत ने यह भी कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड प्रदान न किया जाए। जस्टिस एके सीकरी ने कहा, ये जरूरी नहीं है कि हर चीज बेहतर हो, कुछ अलग भी होना चाहिए। जज ने कहा, आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया बना है। इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, आधार कार्ड पर हमला करना लोगों के अधिकारों पर हमला करने के बराबर है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि मनी बिल के रूप में योग्य नहीं होने पर आधार एक्ट को मनी बिल के रूप में पास करना संविधान के साथ धोखाधड़ी है, यह मूल संरचना का उल्लंघन करता है।
नौकिरयों में प्रमोशन की गेंद राज्यों के पाले में
सुको ने बुधवार को SC/ST को सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण पर भी फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि ये जरूरी नहीं है। सुको ने कहा कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में SC/ST आरक्षण के लिए कोई डेटा जमा करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने नागराज मामले में फैसले को सही बताया, उस फैसले पर फिर से विचार की जरूरत को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने इस मामले को 7 जजों की बेंच के पास भेजे जाने से भी इनकार किया है। बता दें कि 30 अगस्त को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की बेंच ने इस पर फैसला सुनाया।
Created On :   26 Sept 2018 3:22 PM IST