सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार को फटकार- सहेज नहीं सकते, तो ढहा दो ताजमहल
- 9 मई को भी सुप्रीम कोर्ट ने ASI को लगाई थी फटकार
- केंद्र सरकार और उसके संस्थान ASI को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
- ताजमहल के रंग बदलने को लेकर ASI ने काई और गंदी जुराबों को जिम्मेदार ठहराया
- सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा ताजमहल को संभाल नहीं सकते हैं तो उसे ढहा दीजिए
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ताजमहल को लेकर एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्यितार किया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने संरक्षण और रख-रखाव पर सरकारी उदासीनता देखते हुए कहा कि अगर ताजमहल को संभाल नहीं सकते हैं तो उसे ढहा दीजिए। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से ताजमहल की चमक फीकी पड़ती जा रही है जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार सख्ती दिखा रहा है। जस्टिस मदन भीमराव लोकुर ने ताजमहल के संरक्षण और रख-रखाव को लेकर केंद्र सरकार और उसके संस्थान ASI को फटकार लगाई है।
कोर्ट ने कहा कि घोर उदासीनता है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्रांस के एफ़िल टॉवर को भी देखने 80 मिलियन लोग आते हैं, जबकि ताजमहल को देखने सिर्फ 5 मिलियन लोग आते हैं। आप लोग ताजमहल को लेकर गंभीर नहीं है और न ही आपको इसकी परवाह है। आप टूरिस्टों को लेकर भी गंभीर नहीं हैं। आपकी वजह से देश का नुकसान हो रहा है, ताजमहल को लेकर घोर उदासीनता है। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोग इसे बिगाड़ने में ज्यादा लगे हुए हैं।
ताजमहल को नुकसान पहुंचा रही हैं इंडस्ट्रियां
कोर्ट ने कहा कि आपने उद्योग लगाने की अर्ज़ियां ले ली हैं, उद्योग लगने के बाद जो प्रदूषण होगा उसका जिम्मेदार कौन होगा और फैक्ट्रियां लगने से उनसे निकलने वाला धुआं ताज को नुकसान पहुंचाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि Taj Trapezium Authority (TTZ) में उद्योग लगाने के लिए लोग आवेदन कर रहे हैं और सरकार उन पर विचार भी कर रही है। कोर्ट ने PHD चेंबर्स को कहा कि जो इंडस्ट्री चल रही है उसको क्यों ना आप खुद बंद करें।
TTZ के चेयरमैन को नोटिस जारी
हालांकि TTZ की तरफ से कहा गया कि वो अब कोई नई फैक्ट्री खोलने की इजाजत नहीं देगा। सुप्रीम कोर्ट ने TTZ के चेयरमैन को नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट में तलब किया है। पिछले साल भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने ताजमहल के संरक्षण और आगरा के विकास के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं, ऐसा कहा था। इनमें आगरा में डीजल जनरेटर पर पाबंदी, CNG वाहनों पर ज़ोर, प्रदूषण पर नियंत्रण और पॉलीथिन पर पाबंदी जैसे कदम भी शामिल हैं।
Created On :   11 July 2018 5:10 PM IST