करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक बैठक की तारीख तय, 14 जुलाई को होगी बातचीत

Second round of talks on July 14 at Wagah for Kartarpur Corridor
करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक बैठक की तारीख तय, 14 जुलाई को होगी बातचीत
करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक बैठक की तारीख तय, 14 जुलाई को होगी बातचीत
हाईलाइट
  • अब तक तीन राउंड की टेक्निकल लेवल चर्चाएं दोनों देशों के बीच की जा चुकी हैं
  • करतारपुर कॉरिडोर पर चर्चा के लिए अगले दौर की बैठक 14 जुलाई को वाघा में होगी
  • पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करतारपुर कॉरिडोर पर चर्चा के लिए अगले दौर की बैठक 14 जुलाई को वाघा में होगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। इस बैठक में करतारपुर कॉरिडोर निर्माण में आ रही तकनीकी खामियों और ड्राफ्ट समझौते पर चर्चा की जाएगी। अब तक तीन राउंड की टेक्निकल लेवल चर्चाएं दोनों देशों के बीच की जा चुकी हैं।

भारत ने शनिवार को पाकिस्तान को एक प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि कॉरिडोर के अंतिम रूप रेखा को अंजाम दिया जा सके इसके लिए 11-14 जुलाई के बीच बैठक की जा सकती है। इसके बाद पाकिस्तान ने 14 जुलाई को बैठक के लिए अपनी हामी भरी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- "बाबा गुरु नानक की नवंबर 2019 में 550वीं वर्षगाठ समारोह पर कॉरिडोर चालू हो जाए, इसको लेकर पाकिस्तान मामले में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।"

भारत ने पाकिस्तान से जुलाई और फिर अक्टूबर-नवंबर में गुरुद्वारा ननकाना साहिब में नगर कीर्तन को अनुमति देने के लिए कहा है। ये नगर कीर्तन गुरुनानक देव की 550वीं वर्षगाठ के उत्सव पर एसजीपीसी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से आयोजित किया जाना है। दोनों देशों का कॉरिडोर को लेकर शुरू से ही कुछ न कुछ मतभेद रहा है। पाकिस्तान की गठित समिति में खालिस्तानी चेहरे को लेकर भारत ने आपत्ति जताई थी। भारत ने एक दिन में कम से कम 5,000 श्रद्धालुओं को अनुमति देने के लिए पाकिस्तान से कहा था लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि भारत जहां जीरो लाइन पर पुल चाहता है और पहले से ही इसके निर्माण का काम शुरू कर चुका है, वहीं पाकिस्तान इसके निर्माण पर जोर दे रहा है। भारत का विचार है कि पुल नहीं बनाने से मानसून के दौरान भारतीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है जब रावी नदी ओवरफ्लो हो जाती है।

इस मुद्दे पर 27 मई को अटारी-वाघा बॉर्डर पर दोनों देशों के अधिकारियों के बीच आयोजित एक तकनीकी बैठक में चर्चा की गई थी। सूत्रों ने कहा कि मतभेदों के बावजूद, भारत बैठक के लिए जोर दे रहा है ताकि इस साल नवंबर तक कॉरिडोर का संचालन किया जा सके। 

Created On :   2 July 2019 11:55 PM IST

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