- ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद किसान संगठनों ने टाला 1 फरवरी का संसद मार्च, 30 जनवरी को देश भर में भूख हड़ताल
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा पर कहा- किसान नेताओं ने भड़काऊ भाषण देकर उकसाया
- भारत में अपना कारोबार समेट रही TikTok, वर्कफोर्स में कटौती को लेकर भेजा मेल
- MHA ने COVID-19 प्रतिबंधों में ढील दी, ज्यादा क्षमता के साथ खुलेंगे सिनेमा हॉल
- राकेश टिकैत बोले- अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस-प्रशासन जिम्मेदार
अयोध्या में धारा 144 लागू , राम जन्मभूमि विवाद पर 17 नवंबर को फैसले की उम्मीद

हाईलाइट
- अयोध्या में 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू कर दी गई है
- अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने रविवार को यह जानकारी दी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के आगामी फैसले के मद्देनजर अयोध्या में 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू कर दी गई है। अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने रविवार को यह जानकारी दी। बता दें कि अयोध्या मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर सुनवाई 17 अक्टूबर को समाप्त होगी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों वाली बेंच ने 16 अक्टूबर तक पक्षकारों से अपनी दलीलें पूरी करने को कहा है। मुस्लिम पक्ष 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेंगे, तब हिंदू पक्षकार 16 अक्टूबर तक जवाब देंगे। इस मामले में 17 नवंबर तक फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है। इसी दिन चीफ जस्टिस गोगोई रिटायर हो रहे हैं।
बेंच के सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। इलहाबाद हाईकोर्ट ने चार अलग-अलग सिविल केस पर फैसला सुनाते हुए विवादित 2.77 एकड़ जमीन को सभी तीन पक्षों, सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान, के बीच समान बंटवारे को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले अयोध्या मामले को मध्यस्थता से हल करने की कोशिश की थी। 8 मार्च 2019 को जस्टिस एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में 3 सदस्यों की एक समिति भी गठित की गई थी। सुप्रीम कोर्ट चाहता था, समिति आपसी समझौते से सर्वमान्य हल निकाले। इस समिति में आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू शामिल थे।
समिति ने बंद कमरे में संबंधित पक्षों से बात की लेकिन हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट के सामने निराशा व्यक्त करते हुए लगातार सुनवाई की गुहार लगाई। 155 दिन के विचार-विमर्श के बाद मध्यस्थता समिति ने रिपोर्ट पेश की और कहा, वह सहमति बनाने में सफल नहीं हुए हैं। जिसके बाद कोर्ट ने रोजाना सुनवाई शुरू की।
I must add that already there is another order in force since 31.08.2019 covering aspects of unlawful assemblies and undesirable activities. The order dated 12.10.2019 has been issued to cover a couple of points which were not there in the earlier order. https://t.co/4acy0wmqjD
— Anuj K Jha (@anujias09) October 13, 2019
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।