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दैनिक भास्कर हिंदी: शैलजा मर्डर केस : डीसीपी बोले- बयान बदलकर पुलिस को गुमराह कर रहा है मेजर हांडा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाई प्रोफाइल शैलजा मर्डर केस में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पश्चिमी दिल्ली पुलिस के डीसीपी विजय कुमार ने बुधवार को एक प्रेस कॉफ्रेंस में बताया है कि जो हथियार पुलिस ने बरामद किया है उससे शैलजा की हत्या नहीं की गई है। इसके साथ ही डीसीपी ने यह भी कहा है कि आरोपी मेजर निखिल हांडा अपने बयान बार-बार बदलकर पुलिस को गुमराह कर रहा है।
बरामद हथियार से नहीं हुई हत्या
शैलजा की हत्या के आरोपी निखिल हांडा को लेकर बुधवार को पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंची थी। इस दौरान 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी साथ थे। वारदात की जगह पर पुलिस ने छानबीन की, लेकिन कोई बड़ा सबूत हासिल नहीं हुआ। जो हथियार पुलिस द्वारा बरामद किया गया, वह भी हत्या के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया था। डीसीपी ने बताया, 'जो हथियार बरामद किया गया है, उस हथियार से शैलजा की हत्या नहीं हुई है। असल हथियार अभी भी जब्त नहीं किया जा सका है।'
गुमराह कर रहा है आरोपी
डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि 40 वर्षीय मेजर निखिल हांडा जांचकर्ताओं को गुमराह कर रहा है। उन्होंने बताया, 'जांच से संबंधित 90 प्रतिशत काम को पूरा कर लिया गया है। आरोपी हांडा बार-बार अपने बयान बदलकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। पुलिस जल्द ही पूख्ता सबूतों के साथ सामने आएगी और सच्चाई सबके सामने होगी।'
यह है पूरा मामला
बता दें कि 23 जून को पश्चिम दिल्ली के कैंट मेट्रो स्टेशन के पास दिनदहाड़े मेजर अमित द्विवेदी की पत्नी शैलजा द्विवेदी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारा शव को सड़क पर फेंक चला गया था और शव पर गाड़ी भी चढ़ा दी थी। घटना से अनजान मृतका के पति मेजर अमित द्विवेदी ने पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि मेजर निखिल हांडा शैलजा से शादी करना चाहता था। शादी से इनकार करने पर निखिल ने शैलजा की हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी मेजर हांडा को रविवार को मेरठ से गिरफ्तार किया गया था। सोमवार 25 जून को आरोपी हांडा को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।