शिलॉन्ग में फिर भड़की हिंसा, सेना ने निकाला फ्लैग मार्च
डिजिटल डेस्क, शिलॉन्ग। मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई। लगातार पांचवे दिन यहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। जिसके चलते सेना ने सोमवार को शिलॉन्ग में फ्लैग मार्च निकाला। अधिकारियों ने एक बार फिर से कर्फ्यू लगा दिया है। रविवार की रात सीआरपीएफ के शिविर पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था। जिसके बाद ये कदम उठाया गया। शिलांग में सीआरपीएफ की 15 कंपनियां हैं, प्रत्येक कंपनी में 100 जवान हैं। बावजूद इसके क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों की 10 अतिरिक्त कंपनियां मंगलवार को भी भेजी हैं।
Latest visuals from #Shillong; Curfew remains imposed in the area in the wake of clashes between two groups following escalation of an argument between a woman a bus conductor #Meghalaya pic.twitter.com/TaNcMlvFLZ
— ANI (@ANI) June 5, 2018
अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रविवार रात मवलाई में सीआरपीएफ शिविर पर पथराव किया। यह शिविर जयाव लुमसिंथ्यू इलाके के ठीक नीचे है। सीआरपीएफ के आईजी प्रकाश डी ने बताया कि इस घटना में सीआरपीएफ के तीन जवानों को मामूली चोट आई हैं और शिविर में ही उनका इलाज किया गया। उन्होंने कहा, फिलहाल उनकी जान को खतरा नहीं है और शिविर में संपत्ति को क्षति पहुंचने की कोई सूचना नहीं है।
The army conducted a peaceful flag march to all the violence hit areas of Shillong. It was not an easy task. I appeal to the misguided youth to show some maturity let normalcy return: Lt Gen DS Ahuja, General Officer Commanding 101 Area on violence in #Shillong. (4.6.2018) pic.twitter.com/gO1eugTai9
— ANI (@ANI) June 4, 2018
101 क्षेत्र के जनरल कमांडिंग ऑफिर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस आहूजा ने हालात का जायजा लेने के लिए पीड़ितों से मुलाकात की। जिसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि "ऐसी स्थिति पर काबू पाना आर्मी के लिए भी आसान नहीं होता, लेकिन आर्मी ने इस स्थिति पर बखूबी काबू पाया है। फ्लैग मार्च के जरिए उन्होंने सेना की स्ट्रैंथ सबको बताई है। साथ ही उन्होंने शिलॉन्ग के मिसगाइडेड युवाओं से अपील की है कि इस तरह की घटनाओं पर जल्द से जल्द लगाम लगाएं"। राज्य सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए सेना से मदद मांगी। आहूजा ने कहा कि शिलॉन्ग में सेना के फ्लैग मार्च का अच्छा प्रभाव पड़ा है, अब स्थिति नियंत्रण में है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, गुरुवार शाम को सरकारी बस में खलासी का काम करने वाले एक खलासी युवक और पंजाबी महिला के बीच कहासुनी हो गई थी। इस मामूली कहासुनी के दौरान दो पक्षों के लोगों ने एक दूसरे के साथ कथित मारपीट की। हालांकि बाद में स्थानीय पुलिस के समक्ष ये मामला निपटा लिया गया था। लेकिन इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर किसी ने खलासी युवक के मरने की खबर फैला दी। इसके बाद बस चालक संस्था और कई स्थानीय संगठनों से जुड़े लोग पंजाबी कॉलोनी पहुंच गए और वहीं से दोनों पक्षों के बीच झड़प ने हिंसक रुप ले लिया।
Created On :   5 Jun 2018 11:47 AM IST