भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी का निधन, 34 साल की उम्र में किया था पहली बार मतदान, मौत से दो दिन पहले भी की वोटिंग, पहले ही मतदान में रच दिया था इतिहास

भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी का निधन, 34 साल की उम्र में किया था पहली बार मतदान, मौत से दो दिन पहले भी की वोटिंग, पहले ही मतदान में रच दिया था इतिहास
नहीं रहे लोकतंत्र के लीविंग लीजेंड भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी का निधन, 34 साल की उम्र में किया था पहली बार मतदान, मौत से दो दिन पहले भी की वोटिंग, पहले ही मतदान में रच दिया था इतिहास
हाईलाइट
  • 2 नवंबर को डाला था अंतिम वोट 

डिजिटल डेस्क, शिमला। आजाद भारत के पहले मतदाता का गौरव पाने वाले श्याम सरन नेगी का निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे नेगी की आयु 106 वर्ष थी। हिमाचल प्रदेश के कन्नौर जिले के रहने वाले नेगी ने आजादी के बाद देश में हुए पहले आम चुनाव से लेकर अभी तक जितने भी चुनाव हुए चाहे वो लोकसभा हो, विधानसभा हो या फिर पंचायत चुनाव हो उन्होंने एक भी चुनाव में वोट डालना मिस नहीं किया। किन्नौर जिला कलेक्टर आबिद हुसैन ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से श्याम सुन्दर नेगी के अंतिम संस्कार का इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नेगी को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।

2 नवंबर को डाला था अंतिम वोट 

लोकतंत्र का लीविंग लीजेंड कहे जाने वाले नेगी ने अपनी मौत से 2 दिन पहले मतदान किया था। चुनाव आयोग की तरफ से उनका वोट लेने के खास तैयारी की गई थी। उनका वोट पूरे सम्मान के साथ लिया गया था। उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए मतदान टीम उनके घर गई थी और डाक मतपत्र के जरिए वोटिंग की तारीख से पहले ही उनका वोट लिया गया था। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है।

ऐसे बने पहले मतदाता

श्याम सरन नेगी का जन्म कन्नौर जिले के कल्पा गांव में 1 जुलाई 1917 को हुआ था। वह अपने पैतृक गांव कल्पा के पास मूरंग गांव में अध्यापक के तौर पर कार्यरत थे। भारत में आजादी के बाद जब साल 1951 में पहले आम चुनाव हुए थे तो नेगी वोट डालने वाले पहले व्यक्ति बने थे। वैसे तो देश में आम चुनाव फरवरी-मार्च 1952 में होने थे लेकिन किन्नौर में लगभग 5 महीने पहले अक्टूबर 1951 में ही चुनाव करा लिए गए थे। इसकी वजह थी हिमाचल में होने वाली बर्फबारी। दरअसल, फरवरी में इस पहाड़ी राज्य में बड़े स्तर पर बर्फबारी होती है जिसकी वजह से मतदाताओं का पोलिंग बूथ तक पहुंचना मुश्किल होता है। इस संभावना के चलते चुनाव आयोग ने यहां पहले चुनाव करने का फैसला किया। तब किन्नौर में 25 अक्टूबर 1951 में देश में सबसे पहले वोट डाले गए थे। नेगी के देश का पहला मतदाता बनने के पीछे भी बड़ी दिलचस्प कहानी है। 

बीबीसी को दिए इंटरव्यू में श्याम सरन नेगी ने देश का पहला वोट डालने की घटना का जिक्र किया था। नेगी ने बताया था कि वो मेरे जीवन का सबसे बड़ा दिन था। मैं उस वक्त अपने गांव कल्पा के पास स्थित मूरांग गांव में शिक्षक था। मुझे अपने स्कूल में चुनाव कराना था। लेकिन कल्पा का वोटर होने के नाते मुझे अपने गांव में गांव में वोट डालना था। मैंने अपने मतदान केंद्र पर आई मतदान टीम से अनुरोध किया कि मुझे जल्दी ही वोट डालने दें क्योंकि मुझे मूरंग जाकर चुनाव कराना है जो यहां से 8 से 10 किलोमीटर दूर है। इस कारण मतदान टीम ने मुझे निर्धारित समय से आधा घंटे पहले यानी करीब साढ़े 6 बजे वोट डालने दिया। इस तरह नेगी को देश का सबसे पहला मतदाता बनने का गौरव प्राप्त हुआ।


 

Created On :   5 Nov 2022 6:47 AM GMT

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