स्पीकर ओम बिरला ने कहा बंद होनी चाहिए वेल में आकर हंगामा करने की परंपरा

Speaker Om Birla said that the tradition of creating ruckus in the well should be stopped
स्पीकर ओम बिरला ने कहा बंद होनी चाहिए वेल में आकर हंगामा करने की परंपरा
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा बंद होनी चाहिए वेल में आकर हंगामा करने की परंपरा
हाईलाइट
  • संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद बोले स्पीकर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सांसदों द्वारा वेल में आकर हंगामा करने पर नाराजगी जताते हुए लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विरोध दर्ज करने के लिए यह परंपरा का हिस्सा नहीं हो सकता है और अगर इस तरह की कोई परंपरा रही भी हो तो भी ये गलत है और इसे बंद होना चाहिए।

संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद मीडिया से बात करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाने की कोशिश की गई। सदन चर्चा और संवाद का केंद्र बने, इसके लिए समय-समय पर वो सभी दलों के साथ संवाद करते हैं, बातचीत करते रहते हैं। कई बार समाधान निकलता है और कई बार नहीं निकल पाता है। उन्होंने कहा कि वो लगातार सदन को बिना व्यवधान के चलाने का प्रयास करते रहेंगे और उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे।

लोक सभा में हुए कामकाज की जानकारी देते हुए बिरला ने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान 18 बैठकें हुईं, जिसमें कुल 83 घंटे और 12 मिनट का कामकाज हुआ। हंगामे की वजह से 18 घंटे और 48 मिनट का समय बर्बाद हुआ। उन्होंने बताया कि सदन में कामकाज की उत्पादकता 82 प्रतिशत रही है।

बिरला ने कहा कि सदन में हर विषय और विधेयक पर चर्चा होनी चाहिए। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के अनुपस्थिति को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनके नाम से कोई विधायी या अन्य कामकाज लिस्टेड नहीं था, इसलिए वो इस पर कुछ नहीं बोल सकते। सदन में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग पर उन्होंने कहा कि नियमों और प्रक्रियाओं के माध्यम से ही चर्चा का विषय तय होता है।

सदन में सांसदों की कम उपस्थिति के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि वो सभी सांसदों और दलों से सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने का आग्रह करेंगे। नए संसद भवन के निर्माण के बारे में बताते हुए ओम बिरला ने कहा कि नवंबर 2022 तक इसका निर्माण पूर्ण हो जाएगा।

 

(आईएएनएस)

Created On :   22 Dec 2021 10:30 AM GMT

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