पाबंदी के बावजूद जलाई जा रही है पराली, दमघोंटू हुई दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा

Straw is being burnt despite the ban, stifling Delhi-NCR climate
पाबंदी के बावजूद जलाई जा रही है पराली, दमघोंटू हुई दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा
पाबंदी के बावजूद जलाई जा रही है पराली, दमघोंटू हुई दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। पराली जलाने पर पाबंदी के बावजूद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं, जिससे देश की राजधानी और इससे लगे इलाकों की आबोहवा बदतर हो गई है।

पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के खतरों के मद्देनजर केंद्र सरकार किसानों को आवश्यक प्रौद्योगिकी और मशीनों के लिए 50 से 80 फीसदी तक अनुदान मुहैया करवा रही है, जिससे किसान पराली जलाने के बजाय उसे खेतों में मिलाकर खाद बना सकते हैं। लेकिन, फिर भी समस्या बनी हुई है।

मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि किसानों को यह सुविधा राज्य सरकारों के माध्यम से मुहैया करवाई जा रही है और इस पर सरकार विगत कुछ वर्षो से करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।

हरियाणा के सिरसा के किसान संजय न्योल ने बताया कि पराली जलाने के खतरे से जागरूक किसान अब खेतों में पराली को जलाने के बजाय उसे मशीनों का इस्तेमाल कर मिट्टी में मिला देते हैं, जिससे वह खाद बन जाती है, लेकिन कुछ जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं, जहां कार्रवाई भी की गई है।

पर्यावरण विशेषज्ञ बताते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में बीते तीन दिनों से छाई धुंध की सबसे बड़ी वजह पराली जलाना है।

टेरी (द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट) के विशेषज्ञ सुमित शर्मा ने बताया कि इस सीजन के दौरान दिल्ली-एनसीआर में कोहरा छाने और प्रदूषण का स्तर बढ़ने में 30-40 फीसदी तक योगदान पराली जलाने से होने वालू प्रदूषण का होता है, जबकि वाहनों से 20 फीसदी, औद्योगिक प्रदूषण का हिस्सा 20 फीसदी, रिहायशी प्रदूषण यानी लकड़ी जलाने से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा पांच फीसदी, निर्माण कार्य से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा 10 फीसदी और पांच फीसदी योगदान अन्य प्रकार के प्रदूषणों का होता है।

सफर इंडिया के मुताबिक, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 412 हो गया है जो वायु गुणवत्ता के बेहद गंभीर होने की कटेगरी में आता है।

पंजाब व हरियाणा में पराली जलने की घटनाओं में इजाफा होने की पुष्टि सफर के मल्टी सेटेलाइट फायर प्रोडक्ट से होती है।

दिल्ली में छाई धुंध और वायु की गुणवत्ता खराब होने में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का योगदान सीजन के सबसे उच्चस्तर पर रहा। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान बुधवार को 35 फीसदी रहा, इसके गुरुवार को 27 फीसदी रहने व शुक्रवार को 25 फीसदी रहने का अनुमान है।

हरियाणा के ही एक किसान ने बताया कि पराली जलाने की घटना की शिकायत किए जाने पर दमकल से आग बुझाई जा रही है और इस पर होने वाला खर्च किसानों से वसूला जा रहा है। साथ ही, पराली जलाने वाले किसान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।

Created On :   31 Oct 2019 9:31 PM IST

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