सुप्रीम कोर्ट ने शरजील की याचिका पर 4 राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

Supreme Court issues notice to 4 states on Sharjeels petition and seeks answers
सुप्रीम कोर्ट ने शरजील की याचिका पर 4 राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने शरजील की याचिका पर 4 राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ अभियान चलाने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम की याचिका पर मंगलवार को चार राज्यों उत्तर प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

न्यायाधीश अशोक भूषण, न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश एम. आर. शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई की और चारों राज्यों को नोटिस जारी किए। शीर्ष अदालत दो सप्ताह के बाद इस मामले की सुनवाई करेगी।

शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार से इमाम की याचिका पर अपना जवाब दर्ज करने के लिए भी कहा, जिसमें उन्होंने सभी आपराधिक मामलों को राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित करने और एक ही एजेंसी द्वारा जांच की मांग की है।

दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि मामले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहिए। मेहता ने जोर देकर कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा अकेले जवाब दाखिल करना पर्याप्त नहीं होगा और इस याचिका में बनाए गए अन्य प्रतिवादी राज्यों को भी नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया जाना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने एक मई को दिल्ली सरकार से इमाम की याचिका पर 10 दिनों में जवाब मांगा था। अप्रैल में दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लागू किया। शरजील को दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

शरजील का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील दी कि दिल्ली, असम, उत्तर प्रदेश, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में एक ही भाषण के आधार पर पांच प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने यूएपीए भी लगाया है। दवे ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी मामले में न्यायालय के फैसले का हवाला दिया और कहा कि इमाम को भी उसके खिलाफ दर्ज तमाम प्राथमिकी को एक जगह कर इस मामले को दिल्ली में स्थानांतरित करके इसी तरह की राहत दी जा सकती है।

शीर्ष अदालत ने सोनिया गांधी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए विभिन्न राज्यों में अर्नब के खिलाफ कई एफआईआर पर रोक लगा दी थी। अदालत ने मुंबई पुलिस द्वारा एक ही प्राथमिकी के आधार पर जांच की अनुमति दी।

अदालत ने मामले को 10 दिन के बाद आगे की सुनवाई के लिए तय कर दिया और शरजील के वकील को याचिका की एक प्रति दिल्ली सरकार को भेजने के लिए कहा।

शरजील इमाम को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ में कथित भड़काने वाले भाषणों के सिलसिले में देशद्रोह के आरोप में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था। शरजील ने पूर्वोत्तर के राज्यों को शेष भारत से अलग करने वाला कथित भड़काऊ भाषण भी दिया था, जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था।

Created On :   26 May 2020 5:00 PM GMT

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