सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक आरक्षण को सही ठहराया, पांच सदस्यीय बेंच में से तीन जज फैसले के पक्ष में
- EWS संशोधन को बरकराकर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक आरक्षण को सही ठहराया। देश में अब आर्थिक आधार पर मिलने वाला आरक्षण आगे भी जारी रहेगा। बेंच के न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी, बेला त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला ने EWS संशोधन को बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश उदय यू ललित और न्यायाधीश रवींद्र भट ने इस पर असहमति व्यक्त की है। EWS संशोधन को बरकराकर रखने के पक्ष में निर्णय 3:2 के अनुपात में हुआ।
सीजेआई यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच में से तीन जजों ने आरक्षण के पक्ष में अपना फैसला दिया है। जबकि दो जजों ने पर फैसले पर असहमति व्यक्त की।
#UPDATE बेंच के न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी, बेला त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला ने EWS संशोधन को बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश उदय यू ललित और न्यायाधीश रवींद्र भट ने इस पर असहमति व्यक्त की है। EWS संशोधन को बरकराकर रखने के पक्ष में निर्णय 3:2 के अनुपात में हुआ।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 7, 2022
सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की बेंच ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा। जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 10% EWS आरक्षण प्रदान किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की बेंच ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा। जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 10% EWS आरक्षण प्रदान किया गया है।
चार न्यायाधीश अधिनियम को बरकरार रखने के पक्ष में जबकि एक न्यायाधीश ने इसपर असहमति जताई। pic.twitter.com/Xx4K4SJgkG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 7, 2022
जस्टिस बेला त्रिवेदी ने जस्टिस माहेश्वरी के निष्कर्ष पर सहमति जताते हुए कहा कि एससी/एसटी/ओबीसी को पहले से आरक्षण मिल रहा है। उसे सामान्य वर्ग के साथ शामिल नहीं किया जा सकता है।
Created On :   7 Nov 2022 12:14 PM IST