सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के हड़ताली वकीलों को अवमानना की चेतावनी दी, कहा- 16 नवंबर तक काम पर लौटें

Supreme Court warns striking lawyers of Odisha of contempt, says- return to work by November 16
सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के हड़ताली वकीलों को अवमानना की चेतावनी दी, कहा- 16 नवंबर तक काम पर लौटें
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के हड़ताली वकीलों को अवमानना की चेतावनी दी, कहा- 16 नवंबर तक काम पर लौटें
हाईलाइट
  • काम से अनुपस्थित रहना अदालत की भारी किरकिरी होगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चेतावनी दी कि वह ओडिशा के कई जिलों में बार एसोसिएशन के हड़ताली सदस्यों पर अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकता है या उनके लाइसेंस निलंबित कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 16 नवंबर तक काम पर लौटने को कहा है।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बुधवार तक सभी बार एसोसिएशन पूरी तरह से काम करेंगे और अगर वह ऐसा नहीं करते तो इससे अदालत की अवमानना हो सकती है और लाइसेंस निलंबित या रद्द भी हो सकता है। पीठ ने जोर देकर कहा कि न्याय तक पहुंच कानूनी व्यवस्था की नींव है। बार संघों के हड़ताली सदस्यों के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए पीठ ने कहा कि अगर काम से अनुपस्थित रहना जारी रहा तो अदालत की भारी किरकिरी होगी

इसमें कहा गया है कि जब वकील अदालती कार्यवाही से दूर रहते हैं, तो न्याय तक पहुंच बाधित होती है और लोग पीड़ित होते हैं। शीर्ष अदालत उड़ीसा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि कई जिलों में बार एसोसिएशन की हड़ताल ने सभी अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कार्य को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

हड़ताल के कारणों में उड़ीसा उच्च न्यायालय (संबलपुर में) की स्थायी पीठ की स्थापना, अधिवक्ताओं का निधन, अदालत की स्थापना की मांग, भारत बंद, बाढ़, भीषण गर्मी आदि शामिल हैं। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने फरवरी 2020 में एक आदेश पारित किया था और उसके समक्ष एक हलफनामा दिया गया था कि ओडिशा के सभी जिला बार संघ उसी दिन से काम शुरू कर देंगे।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने 13 नवंबर को एक आदेश में कहा था कि यदि अगले दिन तक हड़ताल/बहिष्कार वापस नहीं लिया जाता है, तो इस बहिष्कार/निरसन में भाग लेने वाले व्यक्तिगत वकीलों का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाएगा। शीर्ष अदालत को बीसीआई के इस आदेश की जानकारी दी गई।

पीठ ने कहा कि वह 16 नवंबर तक सभी बार एसोसिएशनों द्वारा पूर्ण रूप से काम करने की उम्मीद करती है, ऐसा नहीं करने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। शीर्ष अदालत ने इस महीने के अंत में मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की है।

 

आईएएनएस

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Created On :   14 Nov 2022 11:30 PM IST

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