सीमा पर तनाव: टू फ्रंट मुकाबले के लिए तैयार भारत, पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किए हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस 

Tension on the border: India ready for a two-front match
सीमा पर तनाव: टू फ्रंट मुकाबले के लिए तैयार भारत, पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किए हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस 
सीमा पर तनाव: टू फ्रंट मुकाबले के लिए तैयार भारत, पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किए हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की ओर सेना ने एक और कदम बढ़ा दिया है। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन में कई महीनों से तनातनी की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने पाकिस्तान सीमा के साथ पश्चिमी मोर्चे पर देश में बने हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस तैनात किए हैं। भारत ने सीमा पर सैन्य ताकत पहले की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ा रखी है। बता दें कि तेजस अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का लड़ाकू विमान है।

सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि एलसीए तेजस को भारतीय वायुसेना द्वारा पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान सीमा के करीब तैनात किया गया है, ताकि वहां से होने वाली किसी भी संभावित कार्रवाई पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। सूत्रों ने बताया, दक्षिणी वायु कमान के तहत सुलूर से बाहर पहले तेजस स्क्वाड्रन "45 स्क्वाड्रन (फ्लाइंग डैगर्स)" को एक ऑपरेशनल भूमिका में तैनात किया गया है। 

प्रधानमंत्री ने भी सराहा था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान स्वदेशी तेजस विमान की प्रशंसा की थी और कहा था कि एलसीए मार्क1ए संस्करण को खरीदने का सौदा जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। स्वदेशी विमान तेजस का पहला स्क्वॉड्रन इनीशियल ऑपरेशनल क्लीयरेंस वर्जन का है। दूसरा- 18 स्क्वॉड्रन "फ्लाइंग बुलेट्स" फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस वर्जन है, जिसे वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 27 मई को कोयंबटूर के सुलूर एयरबेस से उड़ाया था।

विमानों का पहला स्क्वाड्रन इनिशियल ऑपरेशनल क्लीयरेंस संस्करण का है, वहीं दूसरा 18 स्क्वाड्रन "फ्लाइंग बुलेट्स" अंतिम ऑपरेशनल क्लीयरेंस संस्करण का है। इसका संचालन 27 मई को सुलूर एयरबेस में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने किया था।

83 मार्क-1 एयरक्राफ्ट की डील अंतिम चरण में
वायुसेना और रक्षा मंत्रालय को इस साल के अंत तक 83 मार्क-1ए एयरक्राफ्ट की डील के फाइनल होने की उम्मीद है। चीनी सीमा पर जारी तनाव के मद्देनजर वायुसेना ने अपनी ताकत पाकिस्तान और चीन सीमा पर बढ़ा रखी है। सेना के फॉरवर्ड बेस को ताकतवर बनाया गया है, जिससे पश्चिमी और उत्तरी मोर्चे पर हर हालात से निपटा जा सके। एयर फोर्स के अग्रिम मोर्चे पर स्थित एयरबेसों को वेस्टर्न और नॉर्दर्न फ्रंट की स्थितियों पर नजर रखने के लिए पूरी तरह सुसज्जित किया गया है। इन एयर बेसों से पिछले कुछ दिनों से रात हो या दिन लड़ाकू विमान आसमान में उड़ान भरते देखे जा सकते हैं।


 

Created On :   18 Aug 2020 5:52 PM IST

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