कर्नल विप्लव देव त्रिपाठी के ऊपर किया गया हमला सुनियोजित था!

The attack on Colonel Biplab Dev Tripathi was well planned!
कर्नल विप्लव देव त्रिपाठी के ऊपर किया गया हमला सुनियोजित था!
मणिपुर कर्नल विप्लव देव त्रिपाठी के ऊपर किया गया हमला सुनियोजित था!
हाईलाइट
  • कर्नल विप्लव देव त्रिपाठी के ऊपर उग्रवादियों ने किया हमला
  • पूर्वोत्तर राज्यों में बडे़ दिनों के बाद हुआ बड़ा हमला
  • रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ली हमले की जानकारी

डिजिटल डेस्क, इम्फाल। कर्नल विप्लव देव, उनकी पत्नी, बेटे व चार जवानों के ऊपर किया गया हमला एक सुनियोजित था। जिसे बेहद ही सटीकता के साथ अंजाम दिया गया। बता दें कि इस हमले में छह लोग घायल भी हुए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पूर्वोत्तर में ऐसा हमला काफी लंबे समय बाद हुआ है, जिसमें परिवार के सदस्यों को भी निशाना बनाया गया हो। माना जा रहा है कि हमले को अंजाम देने वाले उग्रवादी म्यांमार से भारत में घुसपैठ कर के आए थे। हालांकि, इस हमले ने एक बार फिर से पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति को लेकर खतरे की घंटी जरूर बजा दी है।

हमले की जानकारी दी गई रक्षा मंत्री को

आपको बता दें कि टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, चीन के बनाए हुए हथियार जैसे एके-47 असॉल्ट राइफल, मशीन गन, एंटी-टैंक माइन और ग्रेनेड लगातार म्यांमार पहुंच रहे हैं। जहां से वे सीमा पार से भारतीय चरमपंथियों के हाथ में आ रहे हैं। उग्रवादियों को पकड़ने के लिए एक तरफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया है तो वहीं, दूसरी तरफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे और अन्य शीर्ष अधिकारियों को घात लगाकर किए गए इस हमले की पूरी जानकारी दी गई है। 

चरमपंथी समूहों से निपटने की जरूरत 

बता दें कि घात लगाकर किए गए इस हमले के बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र में चरमपंथी समूहों से निपटने की रणनीति पर एक बार फिर से विचार करने की जरूरत पड़ेगी। बता दें कि कर्नल त्रिपाठी, उनका परिवार और उनकी क्विक रिएक्शन टीम चार गाड़ियों के काफिले के साथ शुक्रवार को असम राइफल बटालियन की फॉरवर्ड पोस्टिंग के दौरे पर गई थी। यह फॉरवर्ड पोस्ट बेहियांग इलाके में थी, जो कि म्यांमार सीमा के करीब है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गांव में उसी दिन एक दूसरा समारोह भी थी। कर्नल त्रिपाठी के काफिले पर उस समय हमला किया गया जब शनिवार सुबह वह खुगा स्थित बटालियन के हेडक्वॉर्टर से लौट रहे थे। अधिकारी ने बताया, "हमले के लिए पहले से टोह लेने के अलावा उग्रवादियों ने काफिले की गतिविधि पर भी करीबी नजर रखी होगी।

अर्द्धसैनिक बल को मिला, उग्रवादियों के खिलाफ अभियान का जिम्मा

बता दें कि इन इलाकों में चरमपंथ के खिलाफ अभियानों का जिम्मा अब असम राइफल्स के पास है, जो सेना के अंदर ही काम करती है लेकिन प्रशासनिक तौर पर गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। अर्द्धसैनिक बल म्यांमार के साथ सीमा पर तैनात रहते हैं तो वहीं सेना के साथ समय-समय पर उग्रवादियों के खिलाफ अभियान भी चलाते हैं। 

Created On :   14 Nov 2021 6:54 AM GMT

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