भाजपा नेता ने पूछा, ऐसी लड़कियों की मौत गन्ने और बाजरे की खेत में क्यों होती है?

The BJP leader asked, why do such girls die in sugarcane and millet fields?
भाजपा नेता ने पूछा, ऐसी लड़कियों की मौत गन्ने और बाजरे की खेत में क्यों होती है?
भाजपा नेता ने पूछा, ऐसी लड़कियों की मौत गन्ने और बाजरे की खेत में क्यों होती है?
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  • ऐसी लड़कियों की मौत गन्ने और बाजरे की खेत में क्यों होती है?

बाराबंकी, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। हाथरस की घटना को लेकर राजनीति दिन पर दिन उग्र होती जा रही है।

बाराबंकी से भाजपा नेता रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने दावा किया है कि हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट करने के आरोपी चार ऊंची जाति के लोग निर्दोष हैं और यह पीड़िता थी, जो आवारा थी।

भारतीय जनता पार्टी के विवादास्पद नेता के खिलाफ 44 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्होंने मंगलवार रात एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में यह चौंकाने वाला बयान दिया।

उन्होंने दावा किया कि किशोरी का आरोपी के साथ संबंध था और किशोरी ने ही आरोपी को 14 सितंबर को अपराध वाले दिन बाजरा के खेत में बुलाया था।

साक्षात्कार में श्रीवास्तव ने कहा, पीड़िता ने लड़के को खेत में बुलाया होगा, क्योंकि उनका चक्कर चल रहा था। यह खबर सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर पहले से ही मौजूद है। उसके बाद वह पकड़ी गई होगी।

हालांकि भाजपा नेता यही नहीं रूके। उन्होंने दावा किया कि ऐसी महिलाएं कुछ खास जगहों में मृत पाई जाती हैं।

उन्होंने पूछा, ऐसी लड़कियां सिर्फ कुछ जगहों पर मृत पाई जाती हैं। वे गन्ने, मकई और बाजरे के खेतों में या झाड़ियों, गटर या जंगलों में मृत पाई जाती हैं। धान या गेहूं के खेतों में वे कभी मृत क्यों नहीं पाई जाती हैं?

उन्होंने कहा कि गन्ने, मकई और बाजरा जैसी फसलें ऊंचाई में अधिक होती हैं और यह किसी भी व्यक्ति के छिपने के लिए अनुकूल होता है, जबकि गेहूं और धान सिर्फ तीन या चार फीट तक की ऊंचाई वाले होते हैं, इसलिए कोई वहां नहीं जाता।

इसके बाद भाजपा नेता ने भी दावा किया कि कोई भी ऐसे अपराध को होते हुए नहीं देख पाता है, या पीड़िता को अपराध स्थल तक घसीटते हुए दूर ले जाते हुए देख पाता है।

श्रीवास्तव ने अपराध के चारों आरोपियों का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें जेल से तब तक रिहा किया जाना चाहिए जब तक सीबीआई मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं कर देती।

उन्होंने मांग की, मैं गारंटी के साथ कह सकता हूं कि ये लड़के निर्दोष हैं। अगर उन्हें समय पर रिहा नहीं किया गया तो वे मानसिक प्रताड़ना झेलते रहेंगे। उनकी खोई हुई युवावस्था को कौन लौटाएगा? क्या सरकार उन्हें मुआवजा देगी?

श्रीवास्तव के बयानों पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा, वह किसी भी पार्टी के नेता कहलाने के लायक नहीं हैं। वह अपनी आदिम और बीमार मानसिकता दिखा रहे हैं और मैं उन्हें नोटिस भेजने जा रही हूं।

गौरतलब है कि इससे पहले बलिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए लड़कियों को उचित संस्कार देना चाहिए।

एमएनएस-एसकेपी

Created On :   7 Oct 2020 12:30 PM IST

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