जम्मू-कश्मीर सरकार परियोजनाएं लागू करने में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए कई उपाय किए

The Government of Jammu and Kashmir has taken several measures for transparency and accountability in implementing the projects
जम्मू-कश्मीर सरकार परियोजनाएं लागू करने में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए कई उपाय किए
नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर सरकार परियोजनाएं लागू करने में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए कई उपाय किए
हाईलाइट
  • प्रशासनिक
  • तकनीकी मंजूरी और ई-निविदा अनिवार्य

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि जम्मू-कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) सरकार ने वित्तीय प्रबंधन और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने कार्यो के पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासनिक मंजूरी, तकनीकी मंजूरी और ई-निविदा अनिवार्य कर दी है। यह कोषागार में भुगतान करने के लिए कार्यो की जियो-टैग की गई तस्वीरों को भी अनिवार्य बनाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में लागू किए जा रहे सभी कार्य या परियोजनाएं सार्वजनिक प्रतिक्रिया और व्यय परिणामों में सुधार के लिए सुझावों और विकास कार्यो में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक डोमेन में हैं।

राय ने एक लिखित उत्तर में कहा कि हाल ही में शुरू किए गए वित्तीय सुधारों और हस्तक्षेपों ने कार्यो, परियोजनाओं को जल्दी पूरा करने की सुविधा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि 2018-19 और 2019-20 के दौरान क्रमश: 9,229 और 12,637 परियोजनाओं के कार्य पूरे किए गए। इसी तरह, 2020-21 के दौरान, 21,943 कार्य या परियोजनाएं पूरी की गईं, जो पिछले वर्षो की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती हैं। चालू वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान जनवरी, 2022 तक 22975 कार्य पूरे किए जा चुके हैं।

इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर एकीकृत शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (जेकेआईजीआरएएमएस) को नागरिकों को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए 24 गुणा 7 प्लेटफॉर्म को ई-गवर्नेस पहल के रूप में विकसित किया गया है। जेकेआईजीआरएएमएसपोर्टल को केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के साथ एकीकृत किया गया है।

मुलाकत कार्यक्रम के तहत नागरिक जेके शिकायत पोर्टल पर दर्ज अपनी शिकायतों के निवारण के लिए उपराज्यपाल से सीधे बातचीत कर सकते हैं। इस बीच, कार्यालय फाइल का काम अप्रैल 2021 से मैनुअल से ई-ऑफिस मोड में स्थानांतरित कर दिया गया है और सभी विभाग प्रमुखों को ई-ऑफिस पोर्टल पर लाया गया है, जबकि जेके प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) के अधिकारियों की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट को स्पैरो पोर्टल पर डाला गया है। मंत्री ने निचले सदन को यह भी बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और विभिन्न विभागों और जिलों में तैनात विभागीय सतर्कता अधिकारियों के बीच संचार चैनल के रूप में एक ऑनलाइन विभागीय सतर्कता अधिकारी पोर्टल विकसित किया गया है।

अन्य उपायों में सभी सरकारी कर्मचारियों के इलेक्ट्रॉनिक या ऑनलाइन मोड के माध्यम से सतर्कता मंजूरी प्रस्तुत करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सतर्कता मंजूरी प्रणाली शामिल है, कर्मचारियों द्वारा संपत्ति रिटर्न की ई-फाइलिंग (पीआरएस-पोर्टल) अनिवार्य कर दी गई है, व्यापार नियमों का लेनदेन केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को अधिसूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जन संपर्क कार्यक्रम के हिस्से के रूप में प्रशासनिक सचिवों को विकास योजनाओं की निगरानी के लिए जिलों का आवंटन किया गया है और टेलीफोन के माध्यम से जन महत्व के मुद्दों को सुनने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग में एक समर्पित हेल्पडेस्क स्थापित किया गया है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   15 March 2022 6:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story