सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर 3 सप्ताह तक रोक लगाई

The Supreme Court stayed the arrest of Arnab Goswami for 3 weeks
सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर 3 सप्ताह तक रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर 3 सप्ताह तक रोक लगाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने और सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप को लेकर कई राज्यों में की गई एफआईआर के खिलाफ रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। 

सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी को फौरी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर तीन सप्ताह तक रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह ने कहा कि मीडिया पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, मैं मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का विरोधी हूं।

शीर्ष अदालत ने नागपुर में दर्ज मामले को मुंबई में स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जहां गोस्वामी के खिलाफ मामले में जांच जारी रहेगी। इसके अलावा अन्य सभी मामलों और शिकायतों की जांच पर रोक लगा दी गई है।

इसके साथ ही अब 21 अप्रैल के शो से संबंधित नई एफआईआर की कोई जांच नहीं होगी। अदालत ने गोस्वामी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से सभी एफआईआर व शिकायतों को एकसाथ रिकॉर्ड पर लाने के लिए भी कहा।

याचिका में गोस्वामी ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि उनके खिलाफ महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर में दर्ज एफआईआर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत फ्री स्पीच और फ्रीडम ऑफ प्रेस पर अंकुश लगाने का एक प्रयास है।

छत्तीसगढ़ सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने अदालत से आग्रह किया कि वह ऐसे बयान देने से गोस्वामी पर संयम बरतने के लिए निर्देश जारी करें। वहीं महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुझाव दिया कि नागपुर एफआईआर को मुंबई स्थानांतरित किया जा सकता है।

इसके बाद अदालत ने कहा कि वह याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट या हाईकोर्ट के समक्ष अग्रिम जमानत की अर्जी देने की अनुमति देती है।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि गोस्वामी पर देश के विभिन्न हिस्सों में कार्रवाई नहीं की जा सकती है। अदालत इस मामले पर आठ सप्ताह के बाद आगे की सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने मुंबई पुलिस को रिपब्लिक टीवी कार्यालय और याचिकाकर्ता को सुरक्षा देने के लिए भी कहा है।

 

Created On :   24 April 2020 11:30 AM GMT

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