ग्लोबल वार्मिंग के कारण परेशान है पूरा विश्व: पीएम मोदी
- हम लोग तो पृथ्वी को मां मानते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि वह देश के बच्चों का बालक बालिकाओं का हृदय से धन्यवाद करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं अनुभव करता हूं कि जब मैं पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद लाल किले से भाषण कर रहा था। तब मैंने स्वच्छता की बात कही थी, सब लोग कह रहे थे कि प्रधानमंत्री को अंतरिक्ष, स्पेस या अन्य बड़ी-बड़ी बातें करनी चाहिए लेकिन जो भी आशंकाएं व्यक्त की गई थी, उन सब को गलत साबित करने का काम छात्र-छात्राओं ने किया है। स्वच्छता के मेरे आवाहन को चार चांद लगाने का किसी ने किया है तो वह मेरे देश के बालक बालिकाओं ने किया है।
शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा के दौरान पर्यावरण संबंधी सवालों पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने यह बातें कहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण से जुड़ा यह विषय वैसे तो परीक्षा से संबंधित नहीं है, हालांकि इस प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पृथ्वी को भी एक अच्छे वातावरण की आवश्यकता होती है और हम लोग तो पृथ्वी को मां मानते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान को लेकर आज जहां कहीं भी हम पहुंचे हैं यदि मैं उसका कुछ भी क्रेडिट देता हूं तो अपने देश के बालक बालिकाओं को देता हूं। यहां पांच 6 साल तक के बच्चों ने अपने दादा दादी, माता पिता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए साफ सफाई रखने के लिए टोका है।
प्रधानमंत्री ने पर्यावरण पर सवाल पूछने वाले छात्रों के लिए कहा कि आपने इसी स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए सवाल पूछा है। आज विश्व ग्लोबल वामिर्ंग के कारण बहुत परेशान है। हमने अपने संसाधनों का मिस यूज किया है। हमारे पास परमात्मा ने जो व्यवस्थाएं दी है उसको हमने बर्बाद कर दिया है। अब हमारा दायित्व है अगर आज मैं पानी पी रहा हूं, अगर मेरे भाग्य पानी है, आज अगर मैं पेड़ की छाया में खड़ा हूं तो इसमें मेरा कोई कंट्रीब्यूशन नहीं है। यह मेरे पूर्वजों ने मेरे लिए छोड़ा हुआ है। जिस चीज को आज हम उपभोग कर रहे हैं वह हमारे पूर्वजों ने हमारे लिए छोड़ा है। क्या हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमें कुछ देना चाहिए या नहीं देना चाहिए। हम बचाएंगे नहीं तो फिर हम देंगे क्या। हमें अपना दायित्व निभाना चाहिए जिस प्रकार से हमारे पूर्वजों ने अपना दायित्व निभाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ परीक्षा पे चर्चा संवाद में भाग लेते हुए दिल्ली की है एक छात्रा कहा कि आपके मार्गदर्शन से भारत स्वच्छ तो हुआ ही है लेकिन पर्यावरण के लिए और क्या किया जा सकता है इसका इसके बारे में बताइए। चेतन ने नामक एक छात्र ने पूछा कि हम अपने पर्यावरण को स्वच्छ एवं बेहतर कैसे बना सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा यह सब कुछ कोई सरकारी कार्यक्रम से सफल नहीं होता है। मान लीजिए जैसे कि मैं कहता हूं कि सिंगल यूज प्लास्टिक से हमें बचना चाहिए। सहज रूप से हमें छोटी-छोटी आदतों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए एक बार एक गाय को देखा जिसका ऑपरेशन कराने पर उसके पेट में से 40 किलोग्राम प्लास्टिक निकला। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यूज एंड थ्रो वाले कल्चर से बचना पड़ेगा प्लास्टिक की थैलियों से बचना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जितने ज्यादा संसाधनों का इस्तेमाल करेंगे हम पर्यावरण को उतना बर्बाद करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। पुराने वाहनों के लिए किस तरह पॉलिसी निकाली हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें पी 3 मूवमेंट चलाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने अपनी पुस्तक एग्जाम वारियर का जिक्र करते हुए छात्रों से कहा कि आप भी कभी परीक्षा को एक पत्र लिख दो और इस पत्र में बता दो कि मैंने क्या-क्या तैयारियां की है। परीक्षा को बता दो कि मैं तो सीख कर आया हूं, तुम होते कौन हो मेरे मुकाबला करने वाले। परीक्षा को बता दो कि तुम होते ही कौन हूं मेरा एग्जाम लेने वाले मैंने इतनी तैयारी की है कि मैं तुम्हारा एग्जाम लूंगा।
(आईएएनएस)
Created On :   1 April 2022 4:30 PM IST