हनीट्रैप कांड की आरोपी महिलाओं के बड़े कारोबारियों से थे रिश्ते
इंदौर/भोपाल, 27 सितंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की सियासत में हलचल मचा देने वाले हनीट्रैप कांड की जांच कर रही एसआईटी (विशेष जांच टीम) को पकड़ी गई महिलाओं के कॉल डिटेल से नेता व अफसरों के साथ ही बड़े कारोबारियों से भी रिश्ते होने का खुलासा हुआ है। ये कारोबारी इन महिलाओं के जरिए अपने काम कराते थे।
लगभग एक सप्ताह पहले उजागर हुए हनीट्रैप कांड में नई-नई कड़ियां लगातार जुड़ती जा रही हैं। पहले, इस गिरोह की सदस्यों की पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री, वर्तमान मंत्री, आईएएस, आईपीएस अफसरों से नजदीकियों का खुलासा हुआ, और अब यह तथ्य सामने आया है कि इन महिलाओं की बड़े कारोबारियों से भी नजदीकियां रही हैं। इनमें कई उद्योगपति, बिल्डर और बाजारों के बड़े नामी-गिरामी व्यापारी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी ने पकड़ी गई महिलाओं के पास से मिले मोबाइल और लैपटॉप को खंगाला तो बड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अब तक चार हजार से ज्यादा वीडियो फाइलें मिली हैं, जिनसे यह बात सामने आने लगी है कि इन महिलाओं के कई नेताओं, अफसरों और अन्य लोगों से अंतरंग रिश्ते रहे हैं। वहीं, कई सौ टेलीफोन नंबर भी मिले हैं, जिन पर इन महिलाओं की लगातार बात होती थी।
एसआईटी को जांच में जो फोन नंबर मिले हैं, उनमें से कई नंबर बड़े नामी व्यापारियों के हैं। ये व्यापारी अपने-अपने क्षेत्र में खास पहचान रखते हैं। इनमें ज्यादातर भोपाल व इंदौर के हैं। एसआईटी को कॉल डिटेल रिकार्डिग (सीडीआर) एनालिसिस में इस बात का पता चला है कि ये महिलाएं कई-कई घंटों तक लोगों से बात करती थीं। इन लोगों में पूर्व मंत्री, आईएएस व आईपीएस अफसरों के अलावा कई व्यापारी भी हैं। इतना ही नहीं, ये महिलाएं अपने बचाव के लिए वाट्सएप के जरिए फोन करती थीं, ताकि उनकी बातचीत का ब्योरा आसानी से हासिल न किया जा सके।
सूत्रों का कहना है कि गिरोह के जाल में फंसी एक छात्रा और एक अन्य महिला की गुरुवार को काउंसिलिंग भी कराई गई, उसके बाद दोनों ने पूछताछ में सहयोग किया। तब एसआईटी को कई बड़े लोगों के बारे में जानकारी हासिल हुई।
हनीट्रैप कांड की आरोपी महिलाओं के बड़े कारोबारियों से रिश्तों का खुलासा तो हो गया है, मगर अभी यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इन महिलाओं ने कारोबारियों को अपने जाल में फंसाया था या वे इन कारोबारियों के लिए काम करती थीं।
पकड़ी गई महिलाओं के अफसरों और नेताओं से करीबी रिश्तों की बात हर कोई स्वीकार रहा है, क्योंकि इनको राजधानी में मंत्रालय में अफसरों के दफ्तरों में बगैर रोकटोक के प्रवेश की अनुमति थी। इन महिलाओं के अपने एनजीओ हैं और वे कई लोगों के लिए मध्यस्थता कर फंड भी आवंटित कराती थीं। इसलिए इस बात की भी आशंका है कि इन महिलाओं ने बड़े कारोबारियों, जिनमें उद्योगपति, बिल्डर, बड़े सप्लायर शामिल हैं, उनकी मदद भी की होगी।
Created On :   27 Sept 2019 6:00 PM IST