‘रावण विजयम’ कथकली नृत्य शैली की प्रस्तुति के दौरान वासुदेवन नायर का निधन
डिजिटल डेस्क। केरल के कोल्लम में स्टेज पर नृत्य के दौरान प्रख्यात कथकली नर्तक पद्मभूषण मदवूर वासुदेवन नायर का निधन हो गया। पड़ोस के अंचल में स्थित अगस्त्यकुड मंदिर में रामायण महाकाव्य पर आधारित ‘रावण विजयम’ कथकली नृत्य शैली प्रस्तुत कर रहे थे। रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर वह मंच पर ही बेहोश हो गए। उन्हें तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
CM ने निधन पर जताया शोक
कथकली नर्तक पद्मभूषण मदवूर वासुदेवन नायर की आकस्मिक मौत से परिवार और उनके क्षेत्र में शोक की लहर है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और कई अन्य नेताओं ने वासुदेवन नायर के निधन पर शोक जताया है और उनके परिवार को ढांढस बंधाया।
पद्मभूषण वासुदेवन नायर का जन्म
सात अप्रैल 1929 को तिरुवनंतपुरम के मदवूर पल्लीकल में जन्मे नायर ने 13 साल की उम्र से कथकली करना शुरू कर दिया था। कथकली के दक्षिण केरल स्कूल के अंतिम कलाकारों में वासुदेवन भी शामिल थे। उन्होंने इस शास्त्रीय नृत्य के जरिये रावण, दुर्योधन, कीचक आदि के किरदार निभाए। इस शास्त्रीय नृत्य के जरिए वासुदेवन ने रावण, दुर्योधन, कीचक आदि के किरदार निभाए हैं। उनके परिवार में पत्नी, दो पुत्रियां और एक पुत्र हैं।
पद्मभूषण से नवाजा गया
प्रख्यात कथकली नर्तक पद्मभूषण मदवूर वासुदेवन नायर को 2011 में पद्मभूषण से नवाजा गया था। 1997 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी सम्मान प्रदान किया गया। उन्हें मिले सम्मानों में केरल कलामंडलम पुरस्कार भी शामिल है। उन्होंने दुनिया भर में कथकली की प्रस्तुतियां दीं।
केरल में दो दिग्गजों की मंच पर हुई मौत
केरल में के अंदर यह दूसरी घटना है, जब किसी दिग्गज नर्तक की मंच पर मौत हुई है। 28 जनवरी को जाने माने ओट्टन तुल्लन कलाकार कलामंडलम गीतानंदन 58 की आयु में त्रिशूर के निकटवर्ती एक मंदिर में प्रस्तुति के दौरान निधन हो गया था। वर्ष 2000 और वर्ष 2010 में कई पुरस्कारों से नवाजे गए। गीतानंदन ने 30 से अधिक मलयालम फिल्मों में भी काम किया था।
Created On :   8 Feb 2018 8:40 AM IST