बेहोश किए जाने के कुछ ही मिनटों में बाघ की मौत

Tiger killed within few minutes of being made unconscious
बेहोश किए जाने के कुछ ही मिनटों में बाघ की मौत
बेहोश किए जाने के कुछ ही मिनटों में बाघ की मौत

पीलीभीत, 4 मई (आईएएनएस)। पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में रविवार देर शाम को बेहोश किए जाने के महज पंद्रह मिनट बाद एक पांच वर्षीय बाघ की मौत हो गई, जिसने सप्ताहांत में पांच लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था।

वन अधिकारियों का दावा है कि उसकी मौत घाव के चलते हुई है। इधर कुछ वन्यजीव कार्यकतार्ओं को संदेह है कि उसकी मौत ट्रैंकुलाइजर के अधिक डोज के चलते हुई है।

बाघ ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) की सीमा से भटककर शुक्रवार की सुबह गजरौला पुलिस घेरे के तहत जरी गांव में तीन लोगों पर हमला बोला था।

इसने वन बल के कर्मियों की एक टीम पर भी हमला किया, जो उसे वापस रिजर्व में लेने के लिए आए हुए थे।

बाघ की उपस्थिति के चलते जरी गांव में खेती बाड़ी से जुड़ी गतिविधियां भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही थी।

ऐसे में बाघ को पकड़ने के लिए गांव में डेरा जमाए वन कर्मियों की एक टीम उसकी गतिविधि पर निगरानी रखने के लिए इलाके में कई कैमरे लगाए थे।

डॉ. एस. के. राठौड़ के नेतृत्व वाली पशु चिकित्सा अधिकारियों की एक टीम भी बाघ को ट्रैंकुलाइज करने और बाद में उसे जंगल में वापस छोड़ने के काम के चलते रविवार को गांव में पहुंची।

बाघ को देखने के बाद उस पर ट्रैंकुलाइजर गन से डार्ट का निशाना लगाया गया, लेकिन बेहोश होने के पंद्रह मिनट बाद ही बाघ की मौत हो गई।

पीटीआर के उप निदेशक नवीन खंडेलवाल ने कहा कि चिकित्सा निरीक्षण में रहने के दौरान ही बाघ की मौत हो गई।

उन्होंने कहा, बाघ के श्वासनली में तीन घाव थे, जिसके परिणामस्वरूप वह मर गया।

हालांकि लखनऊ में वन्यजीव कार्यकर्ता कौशलेंद्र सिंह ने कहा है कि बाघ की मौत ट्रैंकुलाइजर के ओवरडोज के चलते हुई है।

इस पूरे अभियान के दौरान घटनास्थल पर मौजूद वन कर्मियों से प्राप्त जानकारियों का हवाला देते हुए सिंह ने दावा किया कि बाघ पर एक के बाद एक चार डॉर्ट का निशाना लगाया गया।

बरेली जोन के मुख्य संरक्षक ललित शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि पशु चिकित्सा दल द्वारा अभियान के तहत दो डार्ट का इस्तेमाल किया गया था।

Created On :   4 May 2020 5:30 AM GMT

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