पीरियड्स के चलते परंपरा की बलि चढ़ी आदिवासी महिला, अलग कमरे में पड़ा रहा शव

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पीरियड्स के चलते परंपरा की बलि चढ़ी आदिवासी महिला, अलग कमरे में पड़ा रहा शव
पीरियड्स के चलते परंपरा की बलि चढ़ी आदिवासी महिला, अलग कमरे में पड़ा रहा शव

डिजिटल डेस्क, गडचिरोली। एटापल्ली टोला गांव में एक आदिवासी महिला पीरियड्स को लेकर अजीब परंपरा की बली चढ़ गई। रूढ़िवादी परंपरा के चलते पीरियड्स के दौरान उसे अलग-थलग एक कमरे में रखा गया। जिसे कुरमा घर कहा जाता है, जबकि महिला हाईब्लड प्रैशर से पीड़ित थी, लिहाजा उसे हर रोज दवा खानी पड़ती थी। काफी दिनो से वो कुरमा घर में ही पड़ी थी। मंगलवार सुबह जब कुरमा घर में कोई हलचल दिखाई नहीं दी, तो परिवार के सदस्यों ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन जब घर में खेल रहे बच्चे उसके कमरे में गए, तो महिला जमीन पर पड़ी बेहोश दिखाई दी। जिसे देखकर बच्चों ने रोना शुरु कर दिया। जयंती गावले नामक 40 वर्षीय महिला को एटापल्ली के ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उस मृत घोषित कर दिया। जयंती की पहले ही मौत हो चुकी थी।

पीरियड्स के वक्त अलग-थलग कमरे में रहती महिला

आदिवासी समाज की मान्यताओं के मुताबिक यदि किसी युवती या महिला का मासिक धर्म चल रहा हो, तो उसे एक अलग कमरे में रहना पड़ता है। जिसे कुरमा घर कहा जाता है। महिला को पीरियड्स के दौरान उसी कमरे में रहना होता है। जहां सारी जरूरत की चीजें उपलब्ध कराई जाती हैं। उसे केवल भोजन घर से बनाकर दिया जाता है। इसी बीच किसी पुरूष या युवक को कुरमा घर में घूसने की इजाजत नहीं होती। परिजन ने घर के कुरमा घर में उसके रहने का प्रबंध किया था।


स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रांजलि आईंचवार का कहना है कि पीरियड्स के वक्त महिला को आराम की सख्त जरूरत होती है। लेकिन कुरमा घर में रहने के बावजूद भी महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ता है। जो गलत है। जबकि वैद्यकीय अधिकारी डॉ. चंद्रसुरेश डोंगरवार के मुताबिक महिला को पीरियड्स के दौरान कुरमा घर में ही रखना चाहिए। आदिवासी समाज के लोग शराब का सेवन करते हैं। ऐसे में मासिक धर्म के दौरान महिला और उसके पति के बीच नजदीकियां बढ़ने से संक्रमण की आशंका रहती है। 


रूढ़िवादी परंपराओं की शिकार

हर महीने लड़कियों और महिलाओं में पीरियड्स का आना एक नेचुरल प्रोसेस है। लेकिन अगर इस दौरान सावधानियां न रखी जाएं, तो उनकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। पीरियड्स महिलाओं के लिए हर महीने की समस्या है। कुछ महिलाएं इन दिनों दर्द और ज्यादा बहाव के कारण काफी असहज महसूस करती हैं। उन्हें केयर की जरूरत होती है।

Created On :   14 Nov 2017 11:55 PM IST

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