लोकसभा में पारित हुआ ट्रिपल तलाक बिल, विपक्ष ने बिल को बताया राजनीति से प्रेरित
- लोकसभा में एक बार में तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगाने वाले बिल को पेश किया
- विपक्ष के सदस्यों ने बिल को राजनीति से प्रेरित बताया
- विवादास्पद बिल को लेकर केंद्र और विपक्ष के बीच जोरदार बहस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने वाला बिल [मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019] गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया। बिल के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े। कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी, टीएमसी और सरकार की सहयोगी जेडीयू समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। अब इस बिल को राज्यसभा से पारित कराने की चुनौती सरकार के सामने हैं जहां एनडीए के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। अगर ये बिल राज्यसभा से भी पास हो जाता है तो फिर राष्ट्रपति की मुहर के बाद यह कानून की शक्ल ले लगा।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगाने वाले बिल को पेश किया। विवादास्पद बिल को लेकर केंद्र और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई। विपक्ष के सदस्यों ने बिल को राजनीति से प्रेरित और सुप्रीम कोर्ट के नियमों के खिलाफ करार दिया। जबकि सरकार ने इस बिल का बचाव किया।
ओवैसी ने कहा, शादी एक कॉन्ट्रेक्ट है
एआईएमआईएम चीफ असादुद्दीन ओवैसी ने कहा, यह बिल आईन के बुनियादी हुकूकों की खिलाफत करता है। मैं जब तक जिंदा रहूंगा, इस बिल की खिलाफत करुंगा। ओवैसी ने कहा कि अगर कोर्ट ने तीन तलाक देने वाले पुरुष को तीन साल की सजा दे दी तो महिला का पालन-पोषण कौन करेगा। उन्होंने कहा क्या महिला तीन साल तक उसके पति के इंतजार में बैठी रहे? क्या महिला तीन साल बाद कहेगी… बहारो फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है’।
ओवैसी ने कहा की पति को तीन साल की जेल का प्रावधान क्रिमिनल ज्यूरिसप्रूडेंस के खिलाफ है। इसके बजाय आपको एक शर्त रखनी चाहिए कि अगर पति तलाक देता है, तो मेहर की राशि महिला को दी जाएगी। शादी एक कॉन्ट्रेक्ट है। यह जनम जनम का साथ नहीं है। ऐसा मत कीजिए और हमारी बात को समझिए। ओवैसी की इस बात पर सदन में ठहाके लगने शुरू हो गए।
आजम खान की टिप्पणी पर हंगामा
इस बिल पर बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान ने सदन की अध्यक्षता कर रहीं रमा देवी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी, जिस पर जमकर हंगामा हुआ।दरअसल, आजम जब अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि मुख्तार अब्बास नकवी कहां हैं, इस पर स्पीकर रमा देवी ने कहा कि आप इधर-उधर की बात न करें बल्कि चेयर की ओर देखकर अपना विषय रखें।
इस पर आजम खान ने स्पीकर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा, आप मुझे इतनी अच्छी लगती हैं कि मेरा मन करता है आपकी आंखों में आंखें डाले रहूं। जिससे बाद हंगामा हो गया और बीजेपी समेत कई दलों के सांसद उनसे माफी की मांग करने लगे। बाद में आजम ने कहा कि मैंने तो प्यारी बहन कहा था। उन्होंने कहा कि मैं किसी के बारे में कुछ गलत नहीं है, आप रिकॉर्ड चेक कर लीजिए, अगर कोई शब्द गलत कहा हो तो अभी सदन से इस्तीफा देने को तैयार हूं।
चर्चा के बाद कानून मंत्री का जवाब
तीन तलाक बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री ने कहा कि मुस्लिमों के लिए ये बिल इसलिए लाए क्योंकि तीन तलाक सिर्फ वहीं है और कहीं होता तो उनके लिए भी ऐसा बिल लेकर आते। कानून मंत्री ने कहा कि सदन को तीसरी बार बिल पर चर्चा करनी पड़ रही है क्योंकि कानून की निगरानी नहीं कुछ लोग कानून को रोकने की मंशा से यहां बैठे हैं। कानून मंत्री ने कहा कि पैगम्बर साहब ने भी तीन तलाक को गलत माना था, ओवैसी साहब ऐसी पीड़ित महिलाओं के हक में बात करते तो मुझे अच्छा लगता, क्योंकि मैं उन्हें इस्लाम का जानकार मानता हूं।
लोकसभा भंग के बाद लैप्स हो गया था बिल
बता दें कि मई महीने में 16वीं लोकसभा को भंग करने के साथ ही विवादास्पद बिल लैप्स हो गया था क्योंकि इसे राज्यसभा में पारित नहीं किया जा सका था। वे बिल जो राज्यसभा में पेश किए गए हैं और वहां लंबित हैं, लोकसभा के भंग होने के साथ लैप्स नहीं होते हैं। हालांकि, जो बिल लोकसभा से पारित हो गए और राज्यसभा में लंबित रहे, वो लैप्स हो जाते हैं। विपक्ष राज्यसभा में विधेयक के प्रावधानों का विरोध कर रहा था, जहां सरकार के पास इसके पारित होने को सुनिश्चित करने के लिए संख्या की कमी थी।
मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक में तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा को दंडनीय अपराध बनाया गया है। इस प्रथा से पत्नी को तलाक देने पर पति को जेल के प्रावधान का विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं। लोकसभा में बिल पास हो जाने के बाद राज्यसभा से अटकने से सरकार दो बार ट्रिपल तालक पर अध्यादेश लेकर आई थी। सितंबर 2018 में लाए गए अध्यादेश को परिवर्तित करने के लिए एक विधेयक को दिसंबर में लोकसभा ने मंजूरी दे दी थी और यह राज्य सभा में लंबित था।
Created On :   25 July 2019 5:33 PM IST