बाबा रामदेव के बयान से नाराज हुई उमा भारती, पत्र लिखकर दिया जवाब

Uma Bharti expressed displeasure over Baba Ramdev statement
बाबा रामदेव के बयान से नाराज हुई उमा भारती, पत्र लिखकर दिया जवाब
बाबा रामदेव के बयान से नाराज हुई उमा भारती, पत्र लिखकर दिया जवाब
हाईलाइट
  • अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने बकायदा एक पत्र बाबा रामदेव को लिखा है।
  • केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने योग गुरु बाबा रामदेव के एक बयान पर नाराजगी जाहिर की है।
  • बस यही बात उमा भारती को चुभ गई।
  • बाबा रामदेव ने इंटरव्यू में गंगा की सफाई पर असंतोष जाहिर करते हुए उमाभारती और मंत्री नितिन गडकरी की तुलना की थी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने योग गुरु बाबा रामदेव के एक बयान पर नाराजगी जाहिर की है। अपनी नाराजगी जताते हुए उन्होंने बकायदा एक पत्र बाबा रामदेव को लिखा है। दरअसल बाबा रामदेव ने बीते दिनों लंदन में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में गंगा की सफाई पर असंतोष जाहिर करते हुए उमाभारती और मंत्री नितिन गडकरी की तुलना की थी। इस दौरान उन्होंने नितिन गडकरी की तारीफ भी की थी। वहीं उन्होंने कहा था कि गंगा पर काम तो हुआ है, लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए। बस यही बात उमा भारती को चुभ गई।

गंगा की कार्ययोजना अच्छी
बाबा रामदेव के इस बयान के बाद उमा भारती ने उन्हें एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने कहा, लन्दन में टेम्स नदी के किनारे से गंगा पर अपने विचार व्यक्त किए। शुरू से ही इस योजना में नितिन जी भागीदार रहे हैं और अब वो मेरी भी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं इसलिए गंगा पर पहले जो हुआ उसमें उनकी भूमिका थी, अब जो हो रहा है उसमे मेरी भूमिका है। इसमें किसी की समय की गति की तुलना नहीं हो सकती। पहले प्लानिंग की स्टेज थी अब क्रियान्वयन की स्टेज है। गंगा की कार्य योजना बहुत अच्छी बनी है और नितिन जी बहुत ही सुन्दरता से इसका क्रियान्वयन कर रहे हैं एवं 2019 तक गंगा के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूरा करे देंगे।

बाहर निकली जानकारी भ्रामक और आधारहीन
उमा ने कहा कि इन विषयों की अन्दरूनी स्थिति की जानकारी प्रधानमंत्री जी, नितिन गडकरी जी और मेरे अलावा किसी को नहीं हो सकती। इसके बारे में बाहर निकली जानकारी भ्रामक और आधारहीन हो सकती है। जल संसाधन मंत्री की हैसियत से मेरे द्वारा किए गए कार्यों पर गर्व और संतोष है। नितिन गडकरी जी भी मुक्त ह्रदय से मेरी प्रशंशा करते है। मेरे विभाग का परिवर्तन होना मेरे और प्रधानमंत्री जी के बीच की बात है इसके अलावा इस सत्य एवं तथ्य को कोई नहीं जान सकता। तीन पन्नों की इस चिट्ठी में अंत में उन्होंने लिखा कि अपनी जान पर खेलकर भी गंगा का कार्य करके रहूंगी और रिवर लिंकिंग योजना को भी लागू करवाकर रहूंगी। मुझे विश्वास है आपका आशीर्वाद बना रहेगा चूंकि आपने सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी की है इसलिए मैं भी इस पत्र को सार्वजनिक करूंगी।

सम्मान को आहत पहुंचाने की मंशा नहीं
इस चिट्ठी के बाद बाबा रामदेव ने ट्वीट कर लिखा, पूज्य उमाभारती जी के साथ मेरा आध्यात्मिक भाई-बहन का संबंध है। उनके सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी। मेरा मकसद गंगा की कार्ययोजना पर उन्हें आ रही प्रारम्भिक व प्रशासनिक कठिनाइयों की ओर इशारा करना भर था। उनकी गंगा-निष्ठा, धर्म-निष्ठा और राष्ट्र-निष्ठा प्रशंसनीय है। 

 

 

Created On :   1 July 2018 11:27 PM IST

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