'राम के नाम से दिक्कत है तो पहले गांधी के स्मारक से 'हे राम' हटाकर दिखाएं'

Uma Bharti Says, remove Hey Ram from Gandhis memorial
'राम के नाम से दिक्कत है तो पहले गांधी के स्मारक से 'हे राम' हटाकर दिखाएं'
'राम के नाम से दिक्कत है तो पहले गांधी के स्मारक से 'हे राम' हटाकर दिखाएं'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूपी सरकार द्वारा भीमराव आंबेडकर के नाम के साथ रामजी जोड़ने पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है। विपक्षी पार्टियों द्वारा इस मामले में बीजेपी सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर शुक्रवार को भाजपा नेता उमा भारती ने पलटवार किया है। उमा भारती ने कहा है कि अगर मायावती, ममता बनर्जी और सोनिया गांधी को ये लगता है कि राम के नाम पर राजनीति हो रही है तो उन्हें सबसे पहले महात्मा गांधी के स्मारक पर लिखा ‘हे राम’ को मिटाने का प्रयास करना चाहिए।

उमा भारती ने इस मामले पर कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए दोनों पार्टियों की आलोचना की है। उमा भारती ने यह बयान मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक कार्यक्रम के दौरान दिया है। वह सागर में अल्प प्रवास पर आई हुई हैं।

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राजकीय अभिलेखों में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर का पूरा नाम लिखने का निर्देश जारी किया है। सरकार ने इस आदेश के पीछे तर्क दिया था, "डॉ. आम्बेडकर अपना नाम डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर लिखते थे। राम जी उनके पिता का नाम था। वे अपने नाम के साथ पिता का नाम भी लिखते थे। इसलिए उनके नाम के साथ रामजी नाम जोड़ा जाए।"

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यूपी सरकार के इस आदेश के बाद कांग्रेस, बीएसपी समेत कई विपक्षी पार्टियों ने यूपी सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि बीजेपी आंबेडकर जी को लेकर राजनीति कर रही है। मायावती ने कहा था कि बीजेपी वोटों के लिए आंबेडकर जी के नाम के साथ छेड़छाड़ कर रही है।

Created On :   30 March 2018 7:11 PM GMT

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