आगामी सत्र से अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को मिलेगा नया करिकुलम

Undergraduate courses will get new curriculum from the upcoming session
आगामी सत्र से अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को मिलेगा नया करिकुलम
दिल्ली विश्वविद्यालय आगामी सत्र से अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को मिलेगा नया करिकुलम
हाईलाइट
  • इसमें कुल क्रेडिट 176 में से कम से कम 88 क्रेडिट लेने होंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के नए करिकुलम पर काम किया जा रहा है। इसके तहत विश्वविद्यालय अंडर ग्रेजुएट कोर्सेस नए सिरे से डिजाइन किए जा रहे हैं। देश का सबसे बड़ा केंद्रीय विश्वविद्यालय डीयू आगामी नए सत्र से नए अंडर ग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क को लागू कर सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए नया करिकुलम तैयार हो सकता है।

दिल्ली विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल अंडर ग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 (यूजीसीएफ) को पारित कर चुकी है। अकेडमिक काउंसिल भी इसे पारित कर चुकी। एनईपी 2020 द्वारा सुझाए गए सुधारों के आधार पर अंडर ग्रेजुएट करिकुलम बनाया जा रहा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक यूजीसीएफ यानी अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) में सुझाए गए सुधारों को लागू करने का एक तरीका।

अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क के मसौदा में सभी विषयों के लिए चार साल के स्नातक कार्यक्रम का कार्यान्वयन है। चार साल के स्नातक कार्यक्रम फॉलो करने वाले छात्रों को कम से कम 50 प्रतिशत स्कोर करने के बाद 8 वें सेमेस्टर के पूरा होने पर ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी। इसमें कुल क्रेडिट 176 में से कम से कम 88 क्रेडिट लेने होंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने इस प्रस्ताव पर अपनी असहमति जताई है।

अशोक अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा कि यह यूजीसीएफ दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए एक प्रमुख बदलाव है। डीयू अपने स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए जाना जाता है। यूजी अध्ययन में शामिल छात्रों और शिक्षकों की संख्या को देखते हुए सावधानी से चलना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि 2013 में लागू चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम की गलतियों को न दोहराया जाए। गौरतलब है कि हर साल डीयू के यूजी पाठ्यक्रमों में 70,000 से अधिक छात्र प्रवेश लेते हैं। एग्जीक्यूटिव काउंसिल के दो अन्य सदस्यों ने भी विश्वविद्यालय के विभागों और कॉलेज स्तर पर वैधानिक निकायों से व्यापक परामर्श और प्रतिक्रिया का आग्रह किया है। 2013 की चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम की असफलता की पुनरावृत्ति डीयू के लिए एक निराशाजनक स्थिति है।

अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम की रूपरेखा का मसौदा 21 जनवरी को सार्वजनिक डोमेन में जारी किया गया था। 30 जनवरी तक इस प्रतिक्रिया प्रस्तुत की जा सकती थी। 9 फरवरी को विश्वविद्यालय की एकेडमिक कांउसिल ने सत्र 2022-23 के लिए इस स्नातक पाठ्यक्रम को पारित कर दिया। इसके बाद 11 फरवरी को एग्जीक्यूटिव कांउसिल ने भी इसे पारित कर दिया। अब अगले एकेडमिक सेशन से इसे अमल में लाया जाएगा। दिल्ली विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल की बैठक में 11 सदस्यों और एग्जीक्यूटिव कांउसिल की बैठक में 3 सदस्यों ने इस प्रस्ताव पर अपना विरोध जताया था लेकिन बहुमत से यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

 

(आईएएनएस)

Created On :   22 Feb 2022 11:00 AM GMT

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