एनआरसी पर संघ नेता इंद्रेश बोले, किसी को मारा या भगाया नहीं जाएगा (एक्सक्लूसिव)

Union leader Indresh said on NRC, no one will be killed or driven away (Exclusive)
एनआरसी पर संघ नेता इंद्रेश बोले, किसी को मारा या भगाया नहीं जाएगा (एक्सक्लूसिव)
एनआरसी पर संघ नेता इंद्रेश बोले, किसी को मारा या भगाया नहीं जाएगा (एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली, 7 नवंबर,(आईएएनएस)। देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि दुनिया के हर देश की तरह भारत में भी मूल नागरिकों का पंजीकरण बहुत जरूरी है। मगर, एनआरसी से बाहर रहने वालों को भी सम्मान से जीने का अधिकार मिलेगा।

उन्होंने कहा, सूची से अतिरिक्त बचे लोगों को कोई हुकूमत मारने और भगाने का काम नहीं करेगी।

संघ नेता का यह बयान इसलिए अहम है, क्योंकि भाजपा के बड़े नेता अवैध तरह से रह रहे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से खदेड़ने का दावा करते रहे हैं।

संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, दुनिया के सभी देशों में नागरिकों का पंजीकरण होता है। भारत में जो एनआरसी से बाहर रह जाएंगे, कोई हुकूमत न उनका कत्ल करेगी, न भगाएगी। जो इस मसले को भड़काते हैं, वे मानवता और इस्लाम के दुश्मन हैं।

इंद्रेश कुमार ने देश में बिना नागरिकता के रह रहे लोगों से कहा, आप शरणार्थी के बजाय विदेशी बनकर रहो न! ..जो कानून है दुनिया के उसे एंज्वॉय करिए, जो लोग एक्स्ट्रा (अतिरिक्त) रहेंगे, उनके लिए विश्व में जो नियम बने हैं, वही लागू होगा। सरकार जीने का अधिकार देती है और देती रहेगी। जो लोग भ्रम और भय पैदा करना चाहते हैं, वे मानवता के दुश्मन हैं।

इंद्रेश कुमार ने एनआरसी पर आगे कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसके नागरिक दुनिया के लगभग हर देश में रहते हैं। भारत के लाखों लोग 133 देशों में रहते हैं। वहां वे विदेशी नागरिक के तौर पर जीते हैं। भारत में भी विदेशी नागरिक रहते हैं। इस नाते भारत में भी नागरिकों के लिए रजिस्टर बनना जरूरी है।

उन्होंने कहा, लेकिन नागरिक रजिस्टर से जो बाहर है, उसे न तो कोई मार रहा है और न ही उसकी नौकरी छीन रहा है। भारत में जो ऐसे लोग रहेंगे, उन्हें सम्मान मिलेगा। उनके लिए कानून बनेगा।

इंद्रेश कुमार ने आईएएनएस से कहा, भारत से 43 लाख मुसलमान कभी पाकिस्तान बनाने के लिए गए थे, आज उनकी संख्या करीब 80 लाख है। अपने मुल्क से गद्दारी और दूसरे मुल्क से मोहब्बत कर बड़े बहादुरी से गए थे। आज पाकिस्तान उन्हें अपना नागरिक ही नहीं मानता, उन्हें वोट डालने का भी अधिकारी नहीं है। न वह पाकिस्तान के हैं और न ही हिंदुस्तानी रहे।

Created On :   7 Nov 2019 2:30 PM GMT

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