- कृषि कानूनों पर किसानों का 58वें दिन भी प्रदर्शन जारी है, ऐसे में किसानों ने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकालने की योजना बनाई है।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को पूरे देश में मनाई जाएगी।
- सेंसेक्स 250 अंकों से ज्यादा फिसला, निफ्टी 60 अंक नीचे
- नर्मदा नदी में गंदे पानी और मैला का मिलना चिंताजनक : केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल
- यूपी बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा का ऐलान, 3 फरवरी से होंगे इम्तिहान
श्रमिकों को घर भेजने के लिए उप्र ने मांगी और अधिक श्रमिक ट्रेन

हाईलाइट
- श्रमिकों को घर भेजने के लिए उप्र ने मांगी और अधिक श्रमिक ट्रेन
लखनऊ, 9 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अन्य राज्यों से संबंध रखने वाले प्रवासी श्रमिकों को वापस भेजने के लिए अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनों की मांग की है।
ईंट भट्टों में कार्यरत श्रमिकों की एक बड़ी संख्या अब अपने राज्यों में वापस जाना चाहती है, जिसमें खास तौर पर बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के हैं।
गृह विभाग के अधिकारियों ने ईंट भट्ठा संचालकों के साथ बैठक की और सभी जिलों में जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे श्रमिकों का डेटा एकत्र करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि अपने घर लौटने से पहले ईंट भट्ठा मालिकों से अपनी बकाया राशि पा सकें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि राज्य में लगभग 12 हजार ईंट भट्टे क्रियाशील हैं लेकिन मानसून के साथ-साथ यह बंद हो जाएंगे। इन ईंट भट्टों पर काम करने वाले श्रमिक घर लौटना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ईंट भट्टे लॉकडाउन के दौरान काम कर रहे हैं, लेकिन अब मानसून आ रहा है, इससे वे बंद हो जाएंगे। मालिकों और सभी जिला मजिस्ट्रेटों के साथ एक बैठक आयोजित की गई है। जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि श्रमिकों को घर भेजे जाने से पहले उन्हें सभी बकाया राशि का भुगतान किया जाए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भट्ठा मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए केंद्र से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग की है।
अवस्थी ने कहा कि सरकार तब तक मुफ्त ट्रेन और बस सेवाओं का संचालन करती रहेगी, जब तक कि उत्तर प्रदेश के लोग जो दूसरे राज्यों में अटके हुए थे वे वापस नहीं आ जाते। वहीं राज्य के लोग जो दूसरे राज्यों के हैं वे संबंधित राज्यों में नहीं पहुंच जाते।
सरकार ने एक बार फिर से उन लोगों से अपील की है कि जो वापस लौटने की इच्छा रखते हैं वे विशेष राज्य के लिए प्रतिनियुक्त नोडल अधिकारी से संपर्क करें।
बस-ट्रेन से अब तक 31 लाख से अधिक लोगों को उत्तर प्रदेश में वापस लाया गया है। वहीं कई अपने दम पर यात्रा कर यहां वापस आ चुके हैं।
इस बीच, राज्य के मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने सोमवार से नोएडा प्रशासन को नोएडा-दिल्ली सीमा पर भीड़ को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है क्योंकि दिल्ली ने सोमवार से दोनों राज्यों के बीच मुक्त आवाजाही करने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग को अगले दो दिनों के भीतर पास के लिए एक उचित तंत्र लगाने के लिए कहा है।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।